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205 में से सिर्फ 23 गंभीर मरीज भर्ती, सिर्फ कोरेंटिन सेंटर बन कर रह गया राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स

राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स वर्तमान में कोरेंटिन सेंटर बन कर रह गया है. रिम्स में भर्ती 205 संक्रमितों में से सिर्फ 23 गंभीर व लक्षण वाले हैं. बाकी एसिम्टोमैटिक हैं. सूत्र बताते हैं कि इन संक्रमितों को सिर्फ बेहतर डायट व कुछ सामान्य दवाओं पर रखा गया है.

राजीव पांडेय, रांची : राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स वर्तमान में कोरेंटिन सेंटर बन कर रह गया है. रिम्स में भर्ती 205 संक्रमितों में से सिर्फ 23 गंभीर व लक्षण वाले हैं. बाकी एसिम्टोमैटिक हैं. सूत्र बताते हैं कि इन संक्रमितों को सिर्फ बेहतर डायट व कुछ सामान्य दवाओं पर रखा गया है. यह सात से 10 दिन में स्वस्थ भी हो जा रहे हैं, लेकिन इसका खमियाजा गंभीर व लक्षण वाले संक्रमितों को भुगतना पड़ रहा है. रिम्स में बेड की उपलब्धता नहीं होने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर संक्रमितों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है.

रिम्स में 100 बेड के डेडिकेटेड कोविड केयर हॉस्पिटल (डीसीएचसी) में सिर्फ 23 गंभीर रूप से संक्रमित भर्ती हैं. बाकी पूरे फ्लोर पर एसिम्टोमैटिक या हल्के लक्षण वाले संक्रमितों को रख कर इलाज किया जा रहा है. अगर पूरे बेड की गणना की जाये, तो डीसीएचसी सेंटर में प्रथम व द्वितीय तल्ले पर 36 संक्रमित, आइसीयू में 21 संक्रमित व ग्राउंड फ्लोर पर 28 संक्रमित हैं. वहीं बाकी बचे बेड कुछ डायलिसिस, कुछ पैरवी वाले लोग व ड्यूटी वाले डॉक्टर के लिए हैं.

पेइंग वार्ड में 48 संक्रमित हैं, जिसमें से अधिकांश एसिम्टोमैटिक हैं. डेंगू वार्ड में भी 10 संक्रमित एसिम्टोमैटिक हैं. रिम्स के कई सीनियर डॉक्टर भी मानते हैं कि एसिम्टोमैटिक मरीजों की संख्या अस्पताल में ज्यादा है, जबकि यहां लक्षण वाले संक्रमितों को रखना चाहिए था. रिम्स ने जिला प्रशासन को बताया है कि उसके पास कोरोना संक्रमितों के लिए 240 बेड हैं.

दो वेंटिलेटर पर व 21 आइसीयू में भर्ती, बाकी मरीज एसिम्टोमैटिक

रिम्स में भर्ती संक्रमित

रिम्स काेविड सेंटर 85

पेइंग वार्ड 48

डेंगू वार्ड 10

मेडिसिन डी-वन 34

मेडिसिन डी-टू 28

राजधानी में एसिम्टोमैटिक मरीजों के लिए व्यवस्था

जगह बेड

खेलगांव 710

सर्ड 80

अर्बन अस्पताल डाेरंडा 90

सीसीएल 80

महिला पॉलिटेक्निक 160

विस्थापित सेंटर 200

टाना भगत सेंटर बनहौरा 80

एसिम्टोमैटिक मरीजों से वार्ड फुल होने के कारण गंभीर कोरोना संक्रमितों को नहीं मिल पा रही है जगह

एसिम्टोमैटिक के लिए शहर में 2,500 बेड हैं पर अधिकांश खाली : जिला प्रशासन द्वारा राजधानी में एसिम्टोमैटिक वालों के लिए 1,400 बेड तैयार किया गया है. अगर निजी अस्पतालों को भी जोड़ दिया जाये तो इसकी संख्या बढ़ कर 2,500 हो जायेगी. ऐसे में रिम्स में एसिम्टोमैटिक को भर्ती कराने के बजाय शहर के अन्य कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराना चाहिए. इससे रिम्स में लक्षण वाले व गंभीर संक्रमितों को बेड की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा.

रिम्स : मेडिसिन विभाग के सीनियर डाॅक्टर संक्रमित : रांची. रिम्स के मेडिसिन विभाग के सीनियर डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव हो गये हैं. वे होम आइसाेलेशन में हैं. उनके संपर्क में आनेवाले सीनियर व जूनियर डॉक्टर के अलावा परिवार के सदस्यों को चिह्नित किया गया है. उनकी भी जांच की जायेगी. इधर, मेडिसिन विभाग में अब तक 22 जूनियर डॉक्टर संक्रमित हो चुके हैं. इनमें कई ठीक भी हो गये हैं. विभाग के एक सीनियर डॉक्टर ने बताया कि अगर यही रफ्तार रही, तो अधिकांश सीनियर व जूनियर डॉक्टर कोराेना की चपेट में आ जायेंगे. संक्रमण से बचाव के लिए सिर्फ कोविड सेंटर में ही नहीं, सभी विभाग के डॉक्टर व कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण प्रदान करना होगा.

मेडिका के एक सीनियर डॉक्टर भी हुए संक्रमित : मेडिका अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. बुखार व खांसी होने पर उन्होंने अपनी जांच करायी थी. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनको आइसीयू में भर्ती किया गया है. उनका इलाज शुरू कर दिया गया है.

Post by : Prirtish Sahay

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