Agnipath Scheme Protest: केंद्र की अग्निपथ योजना को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया है. उन्होंने ट्वीट कर इस योजना पर तंज कसते हुए कहा कि बहाली अनुबंध पर और नाम अग्निवीर. कहा कि इस स्लोगनवीर सरकार से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है. उन्होंने कर्णधारों को जागने की अपील की. दूसरी ओर, झामुमो ने इस योजना का विरोध करते हुए केंद्र सरकार से तीन सवाल पूछे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अब सेना में अस्थायी नौकरी दी जा रही है. यह कहीं से सही नहीं है.
युवाओं को दिग्भ्रमित कर रही है केंद्र सरकार
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र इस तरह की योजना लाकर युवाओं को दिग्भ्रमित कर रही है. नाम अग्निवीर दिया जा रहा है और युवाओं की बहाली अनुबंध पर हो रही है, जो काफी हास्यास्पद है. उन्होंने कर्णधारों को जागने की अपील की. कहा कि नौकरी के नाम पर युवाओं को दिग्भ्रमित करना केंद्र सरकार बंद करे.

JMM ने पूछे तीन सवाल
वहीं, झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी इस योजना का विरोध करती है. उन्होंने केंद्र सरकार से तीन सवाल पूछे हैं. साथ ही युवाओं से लोकतांत्रिक आंदोलन को संगठित करते और दबाव बनाते हुए केंद्र सरकार से इस नीति को वापस लेने की अपील की. उन्होंने भाजपा से शौर्य का अपमान बंद करने की बात कही है. कहा कि इस योजना से सेना में व्यवसायीकरण का नजरिया देखने को मिलने लगा है.
केंद्र से जाना अग्निपथ कविता का मूलभाव
श्री भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार से अग्निपथ कविता का मूलभाव को लेकर केंद्र सरकार से सवाल पूछे. कहा कि अग्निपथ योजना के तहत इसकी ट्रेनिंग अवधि छह माह की होगी और कार्यकाल साढ़े तीन साल का होगा. इसके बाद इसमें से 25 फीसदी युवाओं को तीनों सेवा में नौकरी मिलेगी, वहीं 75 फीसदी युवा बाहर चले जाएंगे. वहीं, सेना में चार साल सेवा करने के बाद बाहर आनेवाले युवा लखपति बनकर बाहर आएंगे. उसके बाद ये युवा क्या करेंगे.
छह माह की ट्रेनिंग से कितने होंगे दक्ष
उन्होंने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि NCC का जूनियर ट्रेनिंग भी दो साल का होता है, वहीं NCC का सीनियर ट्रेनिंग तीन साल का. ऐसे में अग्निपथ योजना के तहत छह माह की ट्रेनिंग से क्या ये युवा NCC से भी अधिक दक्ष हो जाएंगे. साथ ही सवाल पूछा कि केंद्र सरकार की ओर से पिछले दो साल से सेना की कोई नौकरी नहीं निकली है. वहीं, कई राज्यों में पिछले चार से छह साल में पुलिस फोर्स की नौकरी नहीं निकली. इसके अलावा तीन साल से सेंट्रल पैरामिलिट्री में वैकेंसी नहीं निकली.
सेना में अस्थायी नौकरी हास्यास्पद
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि सेना हमारा गर्व है. लेकिन, सेना में अस्थायी नौकरी हास्यास्पद है. युवाओं के साथ भद्दा मजाक करना कहीं से सही नहीं है. केंद्र सरकार रोजगार का स्किल इस तरह से ला रही है, यह बढ़ा हास्यास्पद है. उन्होंने सवाल पूछा कि क्या इस योजना के सहारे युवाओं का बलिदान लेना ही इस योजना का उद्देश्य है. उन्होंने बीजेपी से सवाल पूछा कि इस सेवा के लिए अधिकतम उम्र 23 साल करने और चार साल नौकरी करने के बाद जब बाहर जाएंगे, तो उनकी उम्र 27 साल हो जाएगी. 25 साल के बाद कौन नौकरी देगा, इसका क्या प्रावधान है, बताएं.
सेना की पुरानी नियुक्ति नियमावली ही लागू हो
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ORP (वन रैंक वन पेंशन) अब तब लागू नहीं कर पायी और अब इस योजना को लेकर युवाओं के बीच भी असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. इस योजना को केंद्र सरकार जल्द वापस ले और सेना में पुरानी नियुक्ति नियमावली को ही लागू करे.
झारखंड में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड में नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू है. कहा कि हमने जो वादा किया है, उसे जरूर पूरा करेंगे. धीरे-धीरे नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होगी. कहा कि हम किसी को सपने नहीं दिखाते, बल्कि असली हकीकत दिखाते हैं. उन्हें नियुक्ति प्रक्रिया ऐसी दी जा रही है कि भविष्य में कभी परेशानी ना हो.
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Posted By: Samir Ranjan.