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बगैर निबंधन के हैं झारखंड में कई मंदिर
रांची: झारखंड में कई ऐसे मंदिर हैं, जो आज तक राज्य हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड से निबंधित नहीं हैं. इसकी फेहरिस्त काफी लंबी है. जबकि, मंदिरों को न्यास बोर्ड से निबंधित होना अनिवार्य है. इनमें ऐसे मंदिर भी शामिल हैं, जहां प्रतिदिन लाखों का चढ़ावा भी आता है. निबंधन नहीं कराने से सरकार काे लाखों […]
रांची: झारखंड में कई ऐसे मंदिर हैं, जो आज तक राज्य हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड से निबंधित नहीं हैं. इसकी फेहरिस्त काफी लंबी है. जबकि, मंदिरों को न्यास बोर्ड से निबंधित होना अनिवार्य है. इनमें ऐसे मंदिर भी शामिल हैं, जहां प्रतिदिन लाखों का चढ़ावा भी आता है. निबंधन नहीं कराने से सरकार काे लाखों रुपये के राजस्व की हानि हो रही है. मजे की बात यह है कि बिहार धार्मिक न्यास पर्षद से प्राप्त संचिकाओं में पूरे झारखंड के न्यासों की संचिका छह सौ से अधिक है. परंतु वर्तमान में झारखंड में न्यासों की संख्या मात्र 150 ही है. अभी तक सर्वे भी नहीं हो पाया है.
क्या है वजह
धार्मिक न्यासों का निबंधन नहीं होने का प्रमुख कारण बोर्ड में कर्मचारियों की कमी है. फील्ड कर्मचारियों के नहीं होने से धार्मिक न्यासों का सर्वे कार्य भी प्रभावित हो रहा है. सर्वे नहीं होने की वजह से धार्मिक न्यासों की सूची तैयार नहीं हो पा रही है. वर्तमान में मात्र चार कर्मचारियों से ही बोर्ड का काम चल रहा है. फील्ड में कर्मचारियों की संख्या नगण्य है. सर्वे नहीं होने की वजह से धार्मिक न्यासों की संख्या भी पता नहीं चल पा रही है.
क्या होगा लाभ
धार्मिक न्यास बोर्ड से निबंधित होने पर राज्य सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी. निबंधन से प्रत्येक वर्ष आैसतन 25 से 30 लाख रुपये राजस्व प्राप्त होगा.
बोर्ड से निबंधित नहीं रहने वाले कुछ मंदिरों की सूची
रांची पहाड़ी शिव मंदिर, हनुमान मंदिर मेन रोड, भद्रकाली मंदिर इटखोरी चतरा, सूर्य मंदिर बुंडू, दिउड़ी मंदिर तमाड़, वनदुर्गा मंदिर जमशेदपुर, भुई फोड़ शंकर मठ धनबाद, अनुकूल चंद्र सत्संग आश्रम देवघर, प्राचीन काली मंदिर रांची, अयप्पा मंदिर बोकारो, साईं मंदिर पुंदाग व साईं मंदिर बेड़ो रांची आदि शामिल हैं. इसके अलावा और भी कई मंदिर हैं.
पंजीयन के लिए जमा करने होंगे ये दस्तावेज
धार्मिक न्यास बोर्ड से पंजीयन कराने के लिये धार्मिक न्यासों को फॉर्म-1 भरकर देना होगा. इसमें न्यासधारी, महंथ, समिति के अध्यक्ष व सचिव का हस्ताक्षर होना चाहिए.
न्यास से संबंधित ट्रस्ट डीड या समिति गठन संबंधी बैठक की कार्यवाही रजिस्टर की छायाप्रति.
न्यास से संबंधित अचल संपत्तियों के कागजातों की छायाप्रति.
पंजीयन शुल्क 500 रुपये.
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