झारखंड में जैसे ही नियुक्तियों की घोषणा होती है. सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे छात्रों में खुशी की लहर दौड़ जाती है, लेकिन इसे बिडंबना ही कहिए नौकरियों के विज्ञापन के साथ ही विवाद पैदा हो जाता है. ऐसा एक दफे नहीं बल्कि अमूमन हर वैकेंसी के साथ ही होता आया है. ध्यान देने वाली बात है कि झारखंड में न तो आईटी सिटी हैदराबाद है और न ही बेंगलुरू, जहां छात्रों को निजी सेक्टर में अच्छी नौकरी मिल जाती है. राज्य में छात्रों के बीच हताशा का माहौल है. सरकार के खिलाफ व्याप्त आक्रोश कभी -कभी सोशल मीडिया पर नजर आता है.
सोशल मीडिया पर कई ऐसे पेज हैं जो छात्रों का साझा प्लेटफार्म है. यहां वे अपने संघर्षों की बात करते हैं. तैयारी, उम्मीदों के बीच मन में जो बैचेनी का माहौल होता है वो फेसबुक पोस्ट के जरिये इसे बयां करते हैं. एक ऐसे ही फेसबुक ग्रुप ‘झारखंड जीके, जॉब्स और करेंट अफेयर्स’ के नाम से चलता है. इस पेज ने नियुक्तियों के लिए हो रहे विज्ञापनों और उसके हश्र का जिक्र किया गया है. देशज भाषा की शब्दावली के साथ इस पोस्ट में छात्रों की त्रासदी का जिक्र है. प्रस्तुत है यह पोस्ट
नियुक्ति वर्ष के नाम पर धोखा
*हाई स्कूल नियुक्ति विज्ञापन
विज्ञापन वापस लिया गया
संशोधित विज्ञापन निकला
संशोधित विज्ञापन हाइकोर्ट ने रद्द किया
अब शिक्षा मंत्री और सचिव लड़ रही हैें
*JSSC सचिवालय सहायक
विज्ञापन रद्द, मामला हाइकोर्ट में
*JTET
रिजल्ट 3 बार दिया
*JPSC का जंजाल तो जारी है
मामला हाई कोर्ट में
*दोहरी स्थानीय नीति बना कर झारखंडवासियों को बांट दिया