राज्य सरकार ने विवि को सख्त निर्देश दिया है कि विवि व महाविद्यालय में स्वीकृत पद पर विधिवत रूप से नियुक्त अौर राज्य सरकार द्वारा नियमानुकुल वेतन निर्धारित किये शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करना है. सरकार ने वैसे सभी शिक्षकों व कर्मचारियों की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है. राज्य सरकार के इस फैसले से विवि के लगभग 182 शिक्षक व 300 शिक्षकेतर कर्मचारियों का वेतन भुगतान फंस गया है. विवि अंतर्गत चार नवांगीभूत कॉलेज जिनमें पीपीके कॉलेज बुंडू, बीएन जालान कॉलेज सिसई, केसीबी कॉलेज बेड़ो अौर मांडर कॉलेज व अन्य कॉलेज के लगभग 180 शिक्षक, मारवाड़ी कॉलेज के दो शिक्षकों का वेतन फंस गया है. नवांगीभूत कॉलेज के कई शिक्षकों का मामला वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. इन्हें अभी तक चतुर्थ व पंचम वेतनमान ही मिल रहा है. जबकि राज्य सरकार द्वारा छठा वेतनमान निर्गत किया जा चुका है. विवि द्वारा इन शिक्षकों के पद संबंधित मामला सलटाने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन प्रस्ताव लंबित रखा हुआ है.
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परेशानी: सरकार के अादेश से रांची विवि प्रशासन उलझन में, नहीं मिलेगा 182 शिक्षकों व 300 कर्मियों को वेतन
रांची : सरकार के एक आदेश से रांची विवि के 25 प्रतिशत शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन भुगतान रुक गया है. इन शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन भुगतान में मार्च 2017 से अड़चनें आ रही हैं. इनमें ज्यादातर अस्वीकृत पद पर कार्यरत शिक्षक व कर्मचारी हैं. साथ ही जिनका अभी तक छठा वेतनमान निर्धारित नहीं […]
रांची : सरकार के एक आदेश से रांची विवि के 25 प्रतिशत शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन भुगतान रुक गया है. इन शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन भुगतान में मार्च 2017 से अड़चनें आ रही हैं. इनमें ज्यादातर अस्वीकृत पद पर कार्यरत शिक्षक व कर्मचारी हैं. साथ ही जिनका अभी तक छठा वेतनमान निर्धारित नहीं हुआ है.
यही स्थिति मुख्यालय सहित सभी पीजी विभागों व कॉलेजों के कर्मचारियों की भी है. अब विवि प्रशासन पिछले 10 दिनों से वेतन भुगतान को लेकर मंथन कर रहा है. छुट्टी के दिन भी अधिकारी वेतन भुगतान को लेकर मंथन कर रहे हैं. विवि प्रशासन को समझ में नहीं आ रहा है कि आधे को वेतन दें अौर आधे को वेतन कैसे नहीं दें. विवि में अनुकंपा पर नियुक्त कर्मचारी भी सरकार के अादेश के कारण फंस गये हैं. इनकी नियुक्ति भले ही स्वीकृत पद पर हुई है, लेकिन अभी तक वेतन निर्धारण नहीं हो सका है. फलस्वरूप इनका मामला भी फंस गया है.
मालूम हो कि राज्य सरकार ने इस बार ट्रेजरी से वेतन भुगतान का निर्देश दिया है. जिसका शिक्षक व कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. काला बिल्ला से लेकर मुख्यमंत्री आवास घेरने तक का कार्य किया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री के सचिव व वित्त विभाग के प्रधान सचिव से भी वार्ता हुई. वित्त विभाग ने आरटीजीएस के माध्यम से वेतन राशि निर्गत करने की बात कही है. इसके बावजूद मामला सलटा नहीं है.
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