रांची: संताल परगना में मुख्यमंत्री रघुवर दास के बयान ‘शिबू सोरेन को कब तक ढोओगे’ पर झामुमो ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है़ पार्टी ने कहा है कि शिबू सोरेन राज्य के निर्माता हैं. जननायक हैं और झारखंड आंदोलन के प्रणेता हैं. मुख्यमंत्री रघुवर दास का शिबू सोरेन के प्रति यह बयान आपत्तिजनक और अशोभनीय है.
पार्टी महासचिव व प्रवक्ता विनोद पांडेय ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ भी आपत्तिजनक टिप्पणी की है. मुख्यमंत्री लिट्टीपाड़ा उपचुनाव में मिली शिकस्त के बाद जैसे अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं. 27 अप्रैल को विधानसभा का विशेष सत्र है. मुख्यमंत्री विधानसभा में शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन के साथ इस राज्य की जनता से माफी मांगें. मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता का अपमान किया है. मुख्यमंत्री जब तक सदन में माफी नहीं मांगेंगे, सत्र नहीं चलने दिया जायेगा. सदन में हंगाम किया जायेगा़ श्री पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री गरिमा का पद है.इस कुरसी पर बैठे व्यक्ति को ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए. लिट्टीपाड़ा उपचुनाव में मुख्यमंत्री यह कहते नहीं थकते थे कि वह शिबू सोरेन के दूसरे पुत्र हैं. एक पुत्र अपने पिता तुल्य व्यक्ति पर ऐसी टिप्पणी करे, तो ठीक नहीं है.
बुड्ढा हो गया बाप, तो क्या गड्ढा में फेंका जाये?
दुमका. मुख्यमंत्री के बयान पर झामुमो ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पार्टी के वरिष्ठ नेता सह महेशपुर विधायक प्रो स्टीफन मरांडी, मुख्य सचेतक सह शिकारीपाड़ा विधायक नलिन सोरेन तथा पार्टी के केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह ने गुरुवार को गुरुजी के आवास पर प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि ऐसा बयान देकर मुख्यमंत्री रघुवर ने भारतीय संस्कृति को शर्मसार किया है. प्रो स्टीफन मरांडी ने रघुवर दास पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लगता है कि माय-बाप से इनका कोई सरोकार नहीं है, बुड्ढा हो जाये बाप तो क्या गड्ढा में फेंका जाये? प्रो मरांडी ने कहा कि लिट्टीपाड़ा उपचुनाव से सीएम के कारनामों का जनता ने जवाब दिया है. यह सरकार झारखंडियों की जनभावना के विपरीत काम कर रही है. जनता वहां की धन्य है, जिसने अपने वजूद की चिंता की और अस्तित्व की लड़ाई को समझा.