वितरण निगम ने अपने टैरिफ पिटीशन में कहा है कि जहां वर्ष 2016-17 में कंपनी 65,060 करोड़ रुपये की जरूरत होगी. वहीं वर्ष 2020-21 में यह बढ़ कर 11490 करोड़ रुपये की हो जायेगी. गौरतलब है कि इस बार पांच वर्षों के लिए टैरिफ पिटीशन दाखिल किया गया है, जिसमें वर्ष 2016 से लेकर वर्ष 2021 तक तक के टैरिफ और खर्च की जानकारी दी गयी है. हालांकि आयोग द्वारा अभी टैरिफ पर जनसुनवाई चल रही है. इसके बाद ही टैरिफ पर अंतिम निर्णय लिया जायेगा.
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बिजली कंपनी का खर्च 6560 करोड़, जनता पर बोझ की तैयारी
रांची: झारखंड में उपभोक्ताओं तक बिजली पहुंचाने के लिए झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने 6560 करोड़ रुपये की जरूरत बतायी है. जेबीवीएनएल द्वारा झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग को दिये गये टैरिफ पिटीशन में भारी खर्च की दुहाई देते हुए टैरिफ में 70 प्रतिशत की वृद्धि करने की मांग की है. अभी वितरण […]
रांची: झारखंड में उपभोक्ताओं तक बिजली पहुंचाने के लिए झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने 6560 करोड़ रुपये की जरूरत बतायी है. जेबीवीएनएल द्वारा झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग को दिये गये टैरिफ पिटीशन में भारी खर्च की दुहाई देते हुए टैरिफ में 70 प्रतिशत की वृद्धि करने की मांग की है. अभी वितरण कंपनी द्वारा 3.10 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जाती है, जिसे पांच रुपये से अधिक करने की मांग की गयी है. इसके पीछे भारी-भरकम खर्च और कर्ज का हवाला दिया गया है, जिसकी वसूली उपभोक्ताओं से करने की बात कही गयी है. इस खर्च को पूरा करने के लिए टैरिफ में 70 फीसदी वृद्धि को आवश्यक बताया गया है.
छह हजार करोड़ बिजली खरीद पर खर्च होंगे
वितरण कंपनी द्वारा दायर पिटीशन में कहा गया है कि वर्ष 16-17 में 5905.3 करोड़ रुपये केवल बिजली खरीदारी पर खर्च होंगे. अॉपरेशन एंड मेंटेनेंस पर 192.5 और कर्मचारियों पर 173.8 करोड़ रुपये खर्च होंगे. वहीं विभिन्न योजनाओं में लिये गये कर्ज की सूद अदायगी पर 101 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
36 फीसदी घाटे की भरपाई भी उपभोक्ता से
जेबीवीएनएल का घाटा इस समय 36 फीसदी से अधिक है. अपने घाटे की भरपाई भी बिजली कंपनी टैरिफ बढ़ा कर करना चाहती है, जबकि आयोग द्वारा पूर्व से निर्धारित टैरिफ में वितरण कंपनी को अपने सिस्टम दुरुस्त कर राजस्व वसूली शत प्रतिशत करने का निर्देश दिया गया था. इसके बावजूद बिजली कंपनी का ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन लॉस 36 फीसदी है. जिसे टैरिफ बढ़ा कर 2020 तक 15 प्रतिशत करने की बात कही गयी है.
कहां कितना खर्च
प्रकार 16-17 17-18 18-19 19-20 20-21
ओएंडएम 192.5 206.9 224.5 242.7 261.6
इंपलॉयी कॉस्ट 173.8 187.0 201.2 216.5 232.9
एएंडजी एक्सपेंसेस 13.2 14.2 15.2 16.4 17.6
आरएंडएम कॉस्ट 5.6 5.8 8.1 9.8 11.0
पावर परचेज 5905.3 7328.8 9169.2 9673.4 10487.2
ट्रांसमिशन चार्ज 267.9 336.0 418.4 463.6 510.6
इंटरेस्ट कॉस्ट 99.0 111.6 114.2 108.6 104.3
इंटरेस्ट अॉन वर्किंग कैपिटल 2.0 2.4 3.1 3.4 3.8
डिप्रेशियेशन 12.5 22.6 32.5 40.4 48.6
रिटर्न अॉन इक्विटी 50.1 56.1 64.5 72.4 80.5
प्रोविजन फॉर बैड डेब्ट 44.1 20.9 – – –
कुल आवश्यकता 6560.3 8071.4 10011.8 10589.4 11490.7
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