रांची : झारखंड में आदिम जनजाति आबादी को पूरी तरह से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए आज से राज्य की रघुवर दास सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है. इस योजना को आदिम जनजाति खाद्यान्न सुरक्षा योजना नाम दिया गया है, जिसकेतहत सीधे तौर पर घर के द्वार तक अनाज पहुंचायाजायेगा, इसलिए इसे डाकिया योजना का भी नाम दिया गया है.
इस योजना की शुरुअात गोड्डा जिलेकेपिछड़ेप्रखंड सुंदरपहाड़ी, पलामू जिले के चैनपुर प्रखंड और साहेबगंज जिले के बरहेट प्रखंड से की गयी है. योजना के तहत 35 किलो को थैली में पैक किया हुआ चावल आदिम जनजाति परिवारों के घर तक पहुंचाया जायेगा. इसके लिए राज्य के सभी 68, 731 आदिम जनजाति परिवारों को चिह्नित किया गया है. इस अनाज के भंडारण के लिएजिलों में गोदाम चिह्नित किये गये हैं. उन गोदामों में अनाजों को 35 किलो के पैकेट में पैक किया जायेगा. पैकेजिंग का यह कार्य झारखंड राज्य आजीविका संवर्द्धन सोसाइटी के द्वारा उससे जुड़े एसएचजी करेंगे.
इस योजना के तहत चावल की खरीद पर 3.32 करोड़ व उसके परिवहन व अन्य मद पर तीन करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है और इसका कुल 6.32 करोड़ का बजट रखा गया है, जिसे आवश्यकता के अनुरूप बढ़ाया जायेगा.
अनाजकावितरण पणन पदाधिकारी एवं प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के द्वारा कराया जायेगा औरउनकेपासई-पॉश मशीन होगी, जिसमेंउनकेक्षेत्र के सारे आदिमजनजाति परिवारों का ब्यौरा होगा. राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से आदिम जनजाति परिवारों को लाभ मिलेगा.