न्यूयॉर्क में ‘मिशन ब्लू’ के अध्यक्ष से मिले ‘प्लांट ग्रुप’ के सह संस्थापक
दोनों संस्थाओं के बीच हुआ समझौता, मई में आएगी टीम, करेगी स्टडी
रांची : झारखंड में जल संरक्षण की दिशा में काम कर रही संस्था ‘मिशन ब्लू’ और अमेरिकी में पानी बचाने के वैज्ञानिक तरीकों पर काम कर रहे ‘प्लांट ग्र्रुप’ ने रांची सहित पूरे राज्य में पानी की उपलब्धता पर बड़ा सर्वे करने का समझौता किया है.
बुधवार को अमेरिका के न्यूयॉर्क में मिशन ब्लू के अध्यक्ष पंकज सोनी की अध्यक्षता में ‘प्लांट ग्रुप’ के प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई इस दौरान ‘प्लांट ग्रुप’ के विशेषज्ञों के साथ श्री सोनी ने झारखंड में पानी की उपलब्धता, उसके संरक्षण और पानी बचाने को लेकर चल रहे जागरूकता अभियानों से अवगत कराया. ‘प्लांट ग्रुप’ के सह संस्थापक ऑस्टिन एरिंग्टन ने मिशन ब्लू के कार्यों की जानकारी लेने के बाद, अपनी टीम रांची भेजने का प्रस्ताव दिया. ‘प्लांट ग्रुप’ के बिल वेनर और ऑस्टिन एरिंग्टन मई में रांची आएंगे. इस दौरान टीम पूरे राज्य का दौरा करेगी. टीम करीब 20 दिनों तक यहां रहेगी और राज्य में पानी की उपलब्धता और उचित प्रबंधन पर स्टडी करेगी.
पूरे राज्य का सॉयल टेस्ट भी होगा
‘प्लांट ग्रुप’ कृषि में मॉडर्न टेक्नोलॉजी को शामिल करने के लिए जानी जाती है. इस ग्रुप ने पूरे अमेरिका में सॉयल टेस्ट के माध्यम से खेती के लिए पानी के उचित इस्तेमाल पर शोध कर हर रोज लाखों गैलन पानी बरबाद होने से बचाने का खाका तैयार किया है. ग्रुप के प्रमुख ऑस्टिन ने श्री सोनी से कहा है कि वे राज्य के जल संसाधन विभाग को भी अपनी स्टडी रिपोर्ट सौंपेंगे, जिससे वर्षा जल प्रबंधन के साथ ही नई तकनीक से खेती कर ज्यादा पानी बचाने का रास्ता झारखंड में भी साफ हो सके.
क्या है झारखंड में पानी की स्थिति
झारखंड में भूमिगत जल का रिजर्व केवल 4292 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) प्रति वर्ष है. इसके अतिरिक्त 25876 एमसीएम भूतल जल मौजूद है. कृषि के लिए सिंचाई में हर हाल में 3813 एमसीएम पानी की जरूरत है. इतना ही नहीं उद्योग-धंधों के लिए अलग से 4338 एमसीएम पानी चाहिए. राज्य के शहरी इलाकों में पीने, नहाने, सफाई और अन्य कामों के लिए जहां एक ओर 1616 लाख गैलन की पानी की जरूरत है, वहीं इसकी उपलब्धता केवल 734 लाख गैलन ही है.