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सीएनटी संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी न दें
मुंडा समाज के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल से कहा रांची : राजभवन में गुरुवार को मुंडा समाज के प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया गया. राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने उनके साथ बैठक की. इसी क्रम में मुंडा समाज के प्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों ने राज्यपाल से सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं करने का आग्रह किया.बैठक […]
मुंडा समाज के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल से कहा
रांची : राजभवन में गुरुवार को मुंडा समाज के प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया गया. राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने उनके साथ बैठक की. इसी क्रम में मुंडा समाज के प्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों ने राज्यपाल से सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं करने का आग्रह किया.बैठक में शामिल लाेगाें के मुताबिक, राज्यपाल ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे हर पहलुअों को देखेंगी. राज्यपाल ने जनजातीय भाषा के विकास समेत अन्य मुद्दों परचर्चा की.
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल समाज के हर वर्ग के लाेगाें काे औपचारिक रूप से राजभवन में आमंत्रित करती हैं और उनसे अलग-अलग विषयाें पर उनका सुझाव लेती हैं. इसी कड़ी में उन्होंने मुंडा समाज के लोगों के साथ बैठक की. इस मौके पर उन्होंने समाज के प्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने समाज, संस्कृति, धर्म,भाषा की बेहतरी के लिए स्वयं प्रयास करें. इसके लिए बाहर से कोई नहीं आयेगा.
ट्राइबल विवि के लिए पीएम से भेंट की: राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय भाषा के विकास के लिए वह स्वयं भी गंभीर हैं. रांची विवि में नौ जनजातीय व क्षेत्रीय भाषाओं के लिए अब अलग-अलग विभाग होंगे. जहां तक झारखंड में ट्राइबल विवि की स्थापना की बात है, तो इस संबंध में उन्हाेंने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की है. मुंडा समाज की ओर से सोमा सिंह मुंडा ने जनजातीय शोध संस्थान की समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया. उन्होंने मांग की कि इसे अॉटोनॉमस का दर्जा दिया जाये. वहीं, बहरागोड़ा में ट्राइबल कल्चरल केंद्र को प्रारंभ किया जाये. पेसा कानून की ओर भी राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट कराया गया.
नशापान से समाज को हो रहा नुकसान : मुंडा समाज के प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि समाज में नशापान के कारण बहुत नुकसान हो रहा है. इस पर अंकुश लगाने के लिए महुआ से शराब न बना कर महुआ के फूल से रस निकाल कर अन्य उत्पाद बनाये जायें.
इस पर शोध भी हो चुका है, इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए. वहीं, पलायन रोकने के लिए घरेलू उद्योग को बढ़ावा मिले. सरना स्थल, हड़गड़ी की घेराबंदी एवं सखुआ वृक्ष को संरक्षण मिलना चाहिए. रांची विवि व रांची कॉलेज का नाम क्रमश: महाराजा मंदरा मुंडा आैर डॉ रामदयाल मुंडा के नाम पर किया जाये. साथ ही कांके रोड का नाम भी मंदरा मुंडा रोड किया जाये.
मुंडा समाज की तरफ से मांग की गयी कि प्राथमिक स्तर पर मुंडारी भाषा में बच्चों को शिक्षा मिले एवं मुंडारी भाषा जाननेवालों की नियुक्ति हो, ताकि बच्चों को समझने में परेशानी न हो. मुंडारी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की भी मांग की गयी. बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव संतोष कुमार सत्पथी, शैक्षणिक सलाहकार डॉ आनंद भूषण, अोएसडी राजीव सिन्हा, सत्य नारायण मुंडा, विरेंद्र सिंह सोय, जेठा नाग, सोमा सिंह मुंडा, गंदुरा मुंडा, मान सिंह मुंडा, पूनम सिंह पूर्ति, छत्रपाल सिंह मुंडा, एतवा मुंडा, प्रेम सागर मुंडा, प्रो अमिता मुंडा, मीनाक्षी मुंडा आदि उपस्थित थे.
मुंडा समाज की मांग
महुआ के फूल से रस निकाल कर अन्य उत्पाद बनाये जायें
सरना स्थल, हड़गड़ी की घेराबंदी एवं सखुआ वृक्ष को संरक्षण दें
मुंडारी भाषा जानने वालों की नियुक्ति हो
रांची विवि व रांची कॉलेज का नाम महाराजा मंदरा मुंडा, डॉ रामदयाल मुंडा के नाम पर करें
कांके रोड का नाम भी मंदरा मुंडा रोड किया जाये
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