25.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मेयर आशा लकड़ा ने की प्रेस वार्ता लगाया आरोप, महिला आैर आदिवासी होने के कारण किया जा रहा प्रताड़ित

रांची नगर निगम में छिड़े घमासान के बीच मंगलवार को मेयर आशा लकड़ा ने फिर एक प्रेस वार्ता बुलायी. इसमें मेयर ने कहा : एक महिला और आदिवासी होने के कारण पिछले छह माह से मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है. मैं राज्य सरकार से यह अपील करना चाहती हूं कि वह एक महापौर की […]

रांची नगर निगम में छिड़े घमासान के बीच मंगलवार को मेयर आशा लकड़ा ने फिर एक प्रेस वार्ता बुलायी. इसमें मेयर ने कहा : एक महिला और आदिवासी होने के कारण पिछले छह माह से मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है. मैं राज्य सरकार से यह अपील करना चाहती हूं कि वह एक महापौर की गरिमा और महिला के सम्मान की रक्षा के लिए आगे आये.
रांची: रांची नगर निगम के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि जब से उन्होंने निगम में फैले भ्रष्टाचार का खुलासा किया है, तभी से सभी विरोधी एकजुट हो गये हैं. घोटालों से बचने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं. लेकिन, विरोधी एक बात जान लें कि चाहे कुछ भी हो जाये, जब तक मैं निगम में हूं, किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं होने दूंगी. प्रेस वार्ता में मेयर के साथ हाइकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरेंद्र कुमार महतो व अहिल्या महतो, सिविल कोर्ट के अधिवक्ता विनोद साहू व संजय किशोर प्रसाद उपस्थित थे.
तीन बिंदुओं पर मेयर ने मांगा था मंतव्य : नगर निगम में पिछले छह माह से हक व अधिकार को लेकर उभरे विवाद पर मेयर के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता ए मारियर पुथम से मन्तव्य मांगा गया था. मेयर ने तीन बिंदुओं पर उनसे राय मांगी थी. पहला : क्या बैठक आहुत करने का अधिकार मेयर को है? दूसरा : बैठक के लिए जो एजेंडा लाया जा रहा है, क्या उसे हटाने का अधिकार मेयर को है? तीसरा : सरकार के संकल्प 165 की कंडिका 1, 2, 14 में क्या है? बकौल मेयर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने उनके सवालाें का जवाब दिया कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम के धारा 23, 26, 31, 74,75, 76, 77, 78 से साफ है कि निगम के सारे अधिकार महापौर में निहित हैं. इसके अलावा बैठक आहुत करने, तिथि व समय तय करने, एजेंडा को हटाने व लाने की अनुमति देने का अधिकार भी मेयर के पास है. इसके अलावा अगर पार्षदों को एजेंडा भेज भी दिया गया है. तो उसे रोकने का अधिकार भी मेयर को है. अगर लाये जा रहे किसी एजेंडा पर मेयर को आपत्ति है, तो उसे भी बैठक में कारण बताते हुए अगले बैठक में लाने की अनुमति दे सकती हैं.
डिप्टी मेयर के पास जायेगी केवल भुगतान से संबंधित फाइल
मेयर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता से प्राप्त मंतव्य के अनुसार केवल भुगतान से संबंधित फाइल ही डिप्टी मेयर के पास भेजी जानी है. इसके अलावा स्टैंडिंग कमेटी की फाइल भेजे जाने का प्रावधान है. बाकी किसी बैठकों की फाइल उप महापौर के पास जाने का कोई प्रावधान नहीं है. उक्त सारे अधिकार नगर पालिका अधिनियम में मेयर को दिये जाने के बाद भी हमें आज साक्ष्य देना पड़ रहा है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें