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आंगनबाड़ी में मेडिसिन व प्री स्कूल किट नहीं
चालू वित्तीय वर्ष में 12 करोड़ रुपये का प्रावधान रांची : राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में मेडिसिन किट व प्री स्कूल किट उपलब्ध नहीं हैं, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान दोनों किट के लिए बजट का प्रावधान किया जाता रहा है. चालू वित्तीय वर्ष में भी इसके लिए करीब 12 करोड़ की राशि […]
चालू वित्तीय वर्ष में 12 करोड़ रुपये का प्रावधान
रांची : राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में मेडिसिन किट व प्री स्कूल किट उपलब्ध नहीं हैं, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान दोनों किट के लिए बजट का प्रावधान किया जाता रहा है.
चालू वित्तीय वर्ष में भी इसके लिए करीब 12 करोड़ की राशि है. वहीं अगले वित्तीय वर्ष के लिए भी मेडिसिन किट मद में 3.72 करोड़ तथा खेल-खेल में बच्चों को शिक्षित व प्रशिक्षित करने में सहायक प्री स्कूल किट मद में 11. 15 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यही नहीं बच्चों व गर्भवती-धात्री महिलाओं का वजन जानने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में तौल मशीन भी देने का प्रावधान है. पर कई अांगनबाड़ी केंद्रों में किट व तौल मशीन उपलब्ध नहीं हैं. उदाहरण के लिए अनगड़ा प्रखंड के मानकी ढ़ीपा आंगनबाड़ी केंद्र पर मेडिसिन किट व महिलाओं की तौल मशीन नहीं हैं. आंगनबाड़ी केंद्र होरहाप में भी किट व तौल मशीन नहीं हैं. दरअसल समाज कल्याण विभाग का सर्वाधिक खर्च आंगनबाड़ी सिस्टम पर ही होता है.
दो वर्ष पहले जब विभिन्न पेंशन संबंधी योजनाअों का संचालन श्रम विभाग के तहत था, तब समाज कल्याण विभाग के कुल बजट का 80 फीसदी खर्च आंगनबाड़ी व पोषाहार कार्यक्रम पर होता था. वित्तीय वर्ष 2017-18 में समेकिल बाल विकास योजना की स्थापना, मेडिसिन किट, प्री-स्कूल किट, आंगनबाड़ी संबंधी प्रचार-प्रसार, सहिया व सेविका को पोषक, सुरक्षा बीमा, जीवन ज्योति बीमा, आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत, सेविका-सहायिका को अतिरिक्त मानदेय तथा आंगनबाड़ी केंद्रों में गैस सिलिंडर व स्टोव की आपूर्ति सहित केंद्र के मॉनिटरिंग सेल पर कुल 1420.56 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
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