श्री प्रसाद ने उक्त बातें सदान छात्र मोरचा की ओर से राजभवन के समक्ष आयोजित धरना को संबोधित करते हुए कही. श्री प्रसाद ने कहा कि झारखंड अलग राज्य की लड़ाई में सदानों की महत्वपूर्ण भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता है.
अलग राज्य बनने के बाद सदानों का हक छीना गया. चाहे पंचायतों में मुखिया/प्रमुख बनने की बात हो, पिछड़ी जाति के आरक्षण का मामला हो या फिर परिसीमन आयोग के निर्णय को लागू करने का मामला. त्रिवेणी नाथ साहू ने कहा कि अपने अधिकारों के प्रति छात्र सचेत रहें. धरना को लाल संजय नाथ शाहदेव, मनोज यादव, डॉ एम इलियास, ब्रज भूषण पाठक, राजू मंडल, हीरा नारायण, श्याम सुंदर यादव, महारथी कुमारी, अपर्णा सिंह, मदन प्रसाद व साधन कुमार रवानी ने भी संबोधित किया.