ट्राइबल ज्वेलरी और टेरा कोटा की धूम
रांची : सूरजकुंड इंटरनेशनल मेले के झारखंड पैवेलियन में आनेवाले दर्शकों को झारखंड का हस्तशिल्प लुभा रहा है. इसकी विशेषताएं लोगों को आकर्षित कर रही है. राज्य की करीब 32 जनजातीय समूह की अपनी पारंपरिक हस्तशिल्प व कलाएं हैं, जो मेला की शोभा बढ़ा रही हैं.
मेले में इन कलाओं काफी सराहा जा रहा है. वहीं वस्तुओं की बिक्री भी खूब हो रही है. दर्शक यहां काष्ठ हस्तशिल्प, धातु शिल्प, बांस हस्तशिल्प, खनिज से बने आदिवासी गहने, पत्थर की नक्काशी से बनी वस्तुएं लोगों को भा रहीं हैं. इनके स्टॉल में काफी भीड़ लग रही है. हस्तशिल्प काष्ठ कला में लकड़ी के ऊपर आकृति बना कर उसे रंग कर खूबसूरत बनाया जा रहा है. धातु शिल्प में धातुओं के उपयोग से ज्वेलरी बनायी जा रही है.
झारखंड में बांस की प्रचुरता होने की वजह से यहां बांस से बनी वस्तुअों का प्रचलन काफी अधिक है. ऐसे में मेले में बांस से बनी वस्तुओं की बिक्री बहुत हो रही है. वहीं झारखंड में प्रचलित पाषाण काल और पुरापाषाण काल की पेंटिंग को भी दर्शकों द्वारा पसंद किया जा रहा है.