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पहल: एनसीडीसी व रिम्स के बीच होगा एमओयू जॉन्डिस के कारणों का पता लगायेगा रिम्स
रांची : रिम्स जॉन्डिस (पीलिया) व हेपेटाइटिस के कारणों का पता लगायेगा.रिम्स में इसके लिए अलग से एक सेंटर होगा. सेंटर रिम्स के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के निर्देशन में लगाया जायेगा. उक्त सेंटर में मरीजों से लिये गये सैंपल से यह पता लगाया जायेगा कि मरीज को यह बीमारी दूषित पानी, यूज्ड सीरिंज या ब्लड ट्रांसफ्यूजन […]
रांची : रिम्स जॉन्डिस (पीलिया) व हेपेटाइटिस के कारणों का पता लगायेगा.रिम्स में इसके लिए अलग से एक सेंटर होगा. सेंटर रिम्स के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के निर्देशन में लगाया जायेगा. उक्त सेंटर में मरीजों से लिये गये सैंपल से यह पता लगाया जायेगा कि मरीज को यह बीमारी दूषित पानी, यूज्ड सीरिंज या ब्लड ट्रांसफ्यूजन से तो नहीं हुई है. बीमारी के कारणों का पता चल जाने से नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) व रिम्स लोगों को आगाह कर पायेगा कि वह क्या सावधानी बरतें. इसको लेकर एनसीडीसी व रिम्स के बीच एमओयू होगा.
रिम्स में खुलेगा अलग सेंटर
10 राज्यों में रिम्स भी शामिल :एनसीडीसी देश के 10 राज्यों में यह प्रोजेक्ट शुरू कर रहा है, जिसमें रिम्स को भी शामिल किया गया है. रांची के अलावा तमिलनाडु, गुजरात, मणिपुर, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, चंडीगढ़ व केरल को शामिल किया गया है.
एनसीडीसी उपलब्ध करायेगा मशीन व फंड
एनसीडीसी रिम्स को जांच करने के लिए मशीन व फंड उपलब्ध करायेगा. माइक्रोबॉयोलाजी विभाग के डॉ मनोज कुमार ने बताया कि मशीन की कीमत 10 लाख रुपये के करीब है. एनसीडीसी रिम्स को मशीन के साथ-साथ टेक्नीशियन भी उपलब्ध करायेगा. वर्तमान में रिम्स में जॉन्डिस व हेपेटाइटिस की जांच होती है,लेकिन अत्याधुनिक तरीके से जांच नहीं होती है.
एनसीडीसी से प्रोजेक्ट मिला है, जिसके तहत यहां सेंटर खोला जायेगा. एनसीडीसी मशीन व टेक्नीशियन उपलब्ध करायेगा. इसके तहत जॉन्डिस व हेपेटाइटिस के कारणों की सही जानकारी मिल पायेगी.
डॉ बीएल शेरवाल, निदेशक, रिम्स
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