रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को भी सदन की कार्यवाही नहीं चली. कार्यवाही शुरू होते ही सदन में चार विधायकों कांग्रेस के डॉ इरफान अंसारी, झामुमो के पौलुस सुरीन, अमित महतो व शशिभूषण समद के निलंबन का मुद्दा आया. निलंबन पर चर्चा के बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ, तो झामुमो विधायक वेल में घुस गये. हंगामा होता देख स्पीकर ने पहली पाली की कार्यवाही स्थगित कर दी. दूसरी पाली में भी झामुमो विधायक वेल में धरने पर बैठ गये.
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विधायकों के निलंबन पर चर्चा बोले सीएम, विधानसभा गुंडों का अखाड़ा नहीं
रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को भी सदन की कार्यवाही नहीं चली. कार्यवाही शुरू होते ही सदन में चार विधायकों कांग्रेस के डॉ इरफान अंसारी, झामुमो के पौलुस सुरीन, अमित महतो व शशिभूषण समद के निलंबन का मुद्दा आया. निलंबन पर चर्चा के बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ, तो झामुमो विधायक […]
इससे पहले निलंबन पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी अपनी बातें रखी. उन्होंने कहा : विपक्ष को विरोध का अधिकार है़ लेकिन विधानसभा गुंडों का अखाड़ा नहीं है. यहां मस्तिष्क, बुद्धि का टकराव होना चाहिए. निर्णय सदन ने लिया है. यह सदन की बनायी हुई कमेटी की अनुशंसा है. विधायकों को अपना पक्ष रखने के लिए तीन-तीन बार बैठक में बुलाया गया, पर वे नहीं आये. लोकतंत्र की अपनी मर्यादा है़ संविधान की अवहेलना नहीं होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा : लोकतंत्र में बहुमत का आदर करना है. बहुमत की बात माननी होगी. ऐसे सदन चलेगा, तो झारखंड कलंकित होगा. राज्य की सवा तीन करोड़ जनता को कलंकित करने का अधिकार किसी को नहीं दिया जा सकता है. लक्ष्मण रेखा की बात हो रही है़ उस लक्ष्मण रेखा को पार नहीं किया जाना चाहिए़
हंगामे का कारण : विधानसभा की सदाचार समिति ने कांग्रेस के डॉ इरफान अंसारी, झामुमो के पौलुस सुरीन, अमित महतो व शशिभूषण समद को 23 नवंबर को सदन में हंगामा करने को लेकर विधानसभा से निलंबित करने की अनुशंसा की थी. समिति की अनुशंसा के आलोक में गुरुवार को इन चारों विधायकों को अध्यक्ष ने बजट सत्र तक के लिए निलंबित कर दिया.
वापस हो सकता है विधायकों का निलंबन
रांची. विधानसभा से निलंबित विधायकों का निलंबन वापस हो सकता है. झामुमो और कांग्रेस विधायक दल के नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष से इसका लिखित आग्रह किया था. सदन में गतिरोध के बाद शुक्रवार को दिन के तीन बजे इसे मामले को लेकर बैठक की गयी. इसमें विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव, मुख्यमंत्री रघुवर दास, हेमंत सोरेन, सरयू राय, आलमगीर आलम, प्रदीप यादव, अरूप चटर्जी और राधाकृष्ण किशोर शामिल हुए. बैठक के बाद आलमगीर आलम में चारों विधायकों का निलंबन वापस लेने पर सैद्धांतिक सहमति बनने के संकेत दिये. उन्होंने कहा : करीब एक घंटे तक चर्चा हुई. झामुमो और कांग्रेस की ओर से मिले आवेदनों पर विचार किया गया. अध्यक्ष ने निलंबन पर पुनर्विचार का आश्वासन दिया है. शनिवार शाम तक निलंबन वापस हो सकता है. झाविमो नेता प्रदीप यादव ने बताया : दोनों दलों के आग्रह पर विचार किया गया. आश्वासन दिया गया कि घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी. अध्यक्ष भी इस मामले के पुनर्विचार पर सहमत हो गये हैं.
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