इस अवसर पर ग्रामीणों ने मुकुंद नायक से तेतर टोली अखड़ा को अपना केंद्र बनाने की मांग की, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया़ अब वहां मुकुंद नायक हर सप्ताह भाषा, गीत- नृत्य, साहित्य, संस्कृति की शिक्षा देंगे़.
मुकुंद नायक ने कहा कि आदिवासियों के लिए शिक्षा के साथ – साथ्ज्ञ संस्कृति और संस्कार भी जरूरी है़ं डॉ कैरोेल ने कहा कि आदिवासी कभी किसी का कुछ नहीं लूटते, पर आदिवासियों की जमीनों को लुटने से बचाने की आवश्यकता है़ इस दौरान राज्य के वर्तमान परिदृश्य, आदिवासियों की स्थिति पर चर्चा भी हुई़