Advertisement
बीजेपी विधायक डुल्लू महतो मामले में हाइकोर्ट सख्त, कहा-जमानत अर्जी पर निचली अदालत न करे सुनवाई
रांची: बाघमारा के विधायक ढुल्लू महताे की मेडिकल के आधार पर दायर होनेवाली अग्रिम जमानत याचिका (एबीए), जमानत याचिका (बीए) या आैपबंधिक जमानत याचिका पर सुनवाई अब निचली अदालत में नहीं होगी. झारखंड हाइकाेर्ट ने गुरुवार को इस पर राेक लगा दी है. किसी भी निचली अदालत में उपराेक्त आधार पर याचिका आने पर वह […]
रांची: बाघमारा के विधायक ढुल्लू महताे की मेडिकल के आधार पर दायर होनेवाली अग्रिम जमानत याचिका (एबीए), जमानत याचिका (बीए) या आैपबंधिक जमानत याचिका पर सुनवाई अब निचली अदालत में नहीं होगी. झारखंड हाइकाेर्ट ने गुरुवार को इस पर राेक लगा दी है. किसी भी निचली अदालत में उपराेक्त आधार पर याचिका आने पर वह जनहित याचिका के साथ अटैच हो जायेगा, जिसकी सुनवाई हाइकाेर्ट की खंडपीठ में होगी. इस आदेश की प्रति सरकार, डीजीपी, प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश तथा प्रधान न्यायायुक्त को भेजने का भी निर्देश दिया गया.
उक्त निर्देश जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने दिया. खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि विधायक काे इलाज कराने के लिए दिल्ली भेजा गया था, लेकिन वहां पर वह पार्टी मनाने लगे. ऐसा नहीं चलेगा. खंडपीठ ने कहा कि जून 2016 के आदेश का सरकार द्वारा अनुपालन नहीं किया गया है. राज्य सरकार द्वारा शपथ पत्र भी दाखिल नहीं किया गया. यह भी नहीं बताया गया कि किन चिकित्सकों ने ढुल्लू महतो काे एम्स में इलाज कराने के लिए सर्टिफिकेट जारी किया था.
क्या-क्या पूछा खंडपीठ ने
खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि प्रतिवादी ढुल्लू महतो को इलाज के लिए एम्स रेफर करनेवालों में काैन-काैन चिकित्सक शामिल हैं? अनुशंसा करनेवाले चिकित्सकों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी है? वीआइपी कैदियों या आरोपियों के स्वास्थ्य जांच के लिए सरकार का अलग से कोई नियम है क्या? जेल में चिकित्सकों का पदस्थापन कितने दिनों के लिए होता है? स्थानांतरण कितने दिनों में होता है? कोई भी चिकित्सक एक जेल में कितने दिनों तक रह सकता है? स्थानांतरण-पदस्थापन के लिए कोई पॉलिसी है या नहीं? क्या अलग से दिशा-निर्देश की जरूरत है? उक्त बिंदुअों पर राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से विस्तृत जवाब दाखिल करने का अदालत ने निर्देश दिया.
जेलों में चिकित्सकों की रोटेशन के आधार पर पोस्टिंग होनी चाहिए
खंडपीठ ने यह भी कहा कि जेलों में चिकित्सकों की रोटेशन के आधार पर पोस्टिंग की जानी चाहिए. इससे चिकित्सक एक ही जेल में लंबे समय तक जमे नहीं रह सकेंगे. मामले की अगली सुनवाई तीन मार्च को होगी. खंडपीठ के सवालों पर राज्य सरकार की अोर से संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया.उल्लेखनीय है कि विधायक ढुल्लू महतो को न्यायिक हिरासत में रहने के दाैरान पिछले दिनाें इलाज के लिए एम्स, दिल्ली ले जाया गया था, जहां हिरासत में होते उनके बाहर घूमने का मामला प्रकाश में आया था. झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement