एसएमसी को इसके लिए पूरी तरह से तैयार कर लें. केजी के क्लास रूम को विभिन्न रंगों व आकृतियों से रंगा जाये, ताकि बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई के महत्व को समझ सकें. ग्रामीण क्षेत्रों में केजी की कक्षाअों के लिए ऐसे पारा शिक्षकों को प्रतिनियुक्त करें, जिनकी क्षेत्रीय भाषाअों में पकड़ हो. मुख्य सचिव मंगलवार को स्कूली शिक्षा एवं सारक्षता विभाग की समीक्षा कर रहीं थीं. इस क्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों व जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिया.
उन्होंने कहा कि मैट्रिक के विद्यार्थियों को पढ़ाई संबंधी किसी तरह की दिक्कतें न हो, इसे लेकर जिला स्तर पर एक कोषांग बनायें.विद्यार्थियों की उपस्थिति 75 प्रतिशत हो, इस नियम का पालन कड़ाई से हो. मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि प्रत्येक प्रखंड में लगातार अनुपस्थित रहनेवाले पांच शिक्षकों की सूची तैयार करें और कार्रवाई करते हुए चेतावनी भी दें, ताकि अन्य स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थित सामान्य हो.
ग्रामीण क्षेत्रों के किसी भी स्कूल में बच्चे ड्रॉप आउट न हों, यह तय करें. इसके लिए एसएमसी व स्कूल मैनेजमेंट कमेटी को जिम्मेवार बनायें. स्कूलों में बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति, अगले वर्ष शत प्रतिशत नामांकन, स्वच्छता आदि के संकल्पों को प्रत्येक स्कूल की दीवारों पर अंकित करायी जाये. कस्तूरबा विद्यालयों में नामांकन को लेकर सतर्कता बरतें. उग्रवाद प्रभावित इलाकों के बच्चों के साथ ही ड्राप आउट बच्चे, दूरस्थ गांव के बच्चे या अनाथ बच्चों को प्राथमिकता दें. अगले वर्ग में नामांकन लेनेवाली बच्चियों की सूची अभी से तैयार कर लें. राज्य के सभी शिक्षकों के जनवरी माह का भुगतान डीबीटी के माध्यम से सुनिश्चित करायी जाये. जिन जिलों में आधार सीडिंग का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है, वे 15 जनवरी तक बैंकों के साथ समन्वय स्थापित कर पूरा कर लें. बच्चों को मिलने वाली किट की राशि का भुगतान भी ज्यादा-से-ज्यादा डीबीटी के माध्यम से किये जायें.
एसएमसी व स्कूल प्रबंधन समिति को सशक्त एवं प्रभावी बनाने के लिये सरकार द्वारा निर्धारित संकल्पों के आधार पर काम करायी जाये. सुनिश्चित करें कि किसी भी स्कूल में शत प्रतिशत शिक्षकों और बच्चों की उपस्थित हो. प्रत्येक एसएमसी के क्रियाकलापों की समीक्षा तीन माह में जिला स्तर पर तथा प्रत्येक माह गुरु गोष्ठी के दिन प्रखंड स्तर पर सुनिश्चित हो, जिसमें मुखिया की उपस्थिति अनिवार्य हो. मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के 17 जिला स्कूलों को सेंटर अॉफ एक्सीलेंस बनाया जाये. बैठक में सचिव शिक्षा विभाग आराधना पटनायक, निदेशक प्राथमिक शिक्षा मुकेश कुमार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे.