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वर्ष 2017 एचइसी के लिए मील का पत्थर साबित होगा : सीएमडी

रांची: एचइसी के सीएमडी अभिजीत घोष ने कहा कि वर्ष 2017 एचइसी के लिए चुनौतियों भरा व मील का पत्थर साबित होगा. वर्ष 2017 में एचइसी दो बड़ी कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर पर कार्य करेगा. पहला यूवीजेड व दूसरा स्काई विंड है. यूवीजेड रूस की दूसरी सबसे बड़ी संयुक्त स्टॉक कंपनी है. कंपनी युद्ध […]

रांची: एचइसी के सीएमडी अभिजीत घोष ने कहा कि वर्ष 2017 एचइसी के लिए चुनौतियों भरा व मील का पत्थर साबित होगा. वर्ष 2017 में एचइसी दो बड़ी कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर पर कार्य करेगा. पहला यूवीजेड व दूसरा स्काई विंड है. यूवीजेड रूस की दूसरी सबसे बड़ी संयुक्त स्टॉक कंपनी है. कंपनी युद्ध में काम आनेवाले वाहन, बुलडोजर, रेलवे के माल वाहक वैगन, रेलवे के लिए सैलिंग स्टॉक, ट्रैक्टर्स, एक्सकैवेटर आदि उपकरण बनाती है. कंपनी के पास 20 प्रमुख रिसर्च एवं डिजाइन संबंधित संस्थाएं हैं.

वहीं, स्काई विंड जर्मनी की कंपनी है. कंपनी की पवन ऊर्जा का व्यापारिक उपयोग के अलावा पर्यावरण के क्षेत्र में बहुत बड़ी भूमिका है. कंपनी के सहयोग से एचइसी पवन ऊर्जा से संबंधित उपकरणों का उत्पादन एवं पवन ऊर्जा मिल की स्थापना करेगी. श्री घोष ने बताया कि स्टील ऑथोरिटी के साथ भी एचइसी स्टील प्रोडक्ट बनाने के लिए एमओयू करेगा. सिनेट मास कंपनी के साथ तकनीक लेने को लेकर एचइसी ने एमओयू किया है. कंपनी एचइसी को मार्च से तकनीक देना शुरू कर देगी.
श्री घोष ने कहा कि नये वर्ष में एचइसी के आधुनिकीकरण की योजना स्वीकृत होनी है. 300 से 400 करोड़ रुपये कार्यशील पूंजी की व्यवस्था के लिए प्रबंधन प्रयासरत है.

उन्होंने कहा कि एचइसी के पास वर्तमान में 1300 करोड़ रुपये का कार्यादेश है. समय पर इनपुट उपलब्ध नहीं होने के कारण कार्यादेश निर्धारित समय में पूरा नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि फंड के अभाव में कर्मियों को ग्रेच्युटी व लीव सैलरी का भी पैसा भुगतान नहीं हो रहा है. प्रबंधन ग्रेच्युटी व लीव सैलरी का भुगतान जल्द करने का प्रयास कर रहा है. नीति आयोग की रिपोर्ट के संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी तक नीति आयोग ने रिपोर्ट केंद्र सरकार को नहीं सौंपी है. उम्मीद है कि आयोग जल्द ही रिपोर्ट केंद्र को सौंप देगा. इसके बाद केंद्र सरकार पर निर्भर है कि कितनी जल्दी एचइसी का जीर्णोद्धार कार्य शुरू होता है.

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