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ग्रामीण जलापूर्ति योजना में झारखंड पिछड़ा
केंद्र ने जतायी चिंता पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र रांची : केंद्र सरकार ने झारखंड के छह जिलों में विश्व बैंक की मदद से चल रही ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं की धीमी प्रगति पर चिंता जतायी है. केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता सचिव परमेश्वरण अय्यर ने मुख्य सचिव राजबाला वर्मा […]
केंद्र ने जतायी चिंता
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र
रांची : केंद्र सरकार ने झारखंड के छह जिलों में विश्व बैंक की मदद से चल रही ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं की धीमी प्रगति पर चिंता जतायी है. केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता सचिव परमेश्वरण अय्यर ने मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को पत्र लिख कर कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया है.
उन्होंने लिखा है कि विश्व बैंक की मदद से खूंटी, सरायकेला-खरसावां समेत छह जिलों के 520 पंचायतों में ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम लिया जाना था. योजना के अंतर्गत 11 लाख की आबादी को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया था. पर अबतक 900 करोड़ की योजना में से झारखंड सरकार ने सिर्फ 62 करोड़ रुपये ही खर्च किये हैं. जबकि 407 करोड़ रुपये की योजना बनायी गयी थी. उन्होंने लिखा है कि राज्य सरकार के साथ संयुक्त समीक्षा बैठक में भी यह मामला उठा था.
विश्व बैंक असंतुष्ट
सचिव परमेश्वरण अय्यर ने लिखा है कि विश्व बैंक के मिड टर्म रिव्यू में झारखंड के प्रदर्शन को अंसतोषजनक पाया गया है. सचिव ने लिखा है कि मल्टी विलेज स्कीम, सिंगल विलेज स्कीम, सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट और स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण के फंड का बेहतर इस्तेमाल का इंतजार है. उन्होंने मुख्य सचिव से विभाग को कार्य में तेजी लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है.
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