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आइबी अफसर बन पुलिसकर्मियों के साथ मिल कर 11.6 लाख लूटे

रांची: जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर के समीप से शुक्रवार देर रात विनीत पौलूस कच्छप नामक एक व्यक्ति ने खुद को आइबी का अधिकारी बात कर पुलिस कर्मियों के साथ मिल कर तीन लोगों से 11.60 लूट लिये. शनिवार को हिंदपीढ़ी निवासी दिलशाद ने घटना की जानकारी पुलिस को दी़ त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस […]

रांची: जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर के समीप से शुक्रवार देर रात विनीत पौलूस कच्छप नामक एक व्यक्ति ने खुद को आइबी का अधिकारी बात कर पुलिस कर्मियों के साथ मिल कर तीन लोगों से 11.60 लूट लिये. शनिवार को हिंदपीढ़ी निवासी दिलशाद ने घटना की जानकारी पुलिस को दी़ त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कल्याणपुर सिंह मोड़ में तैनात पीसीआर पुलिस कर्मियों और टाइगर के दो जवानों को बुलाया. सभी ने घटना में अपनी संलिप्तता को स्वीकार करते हुए लूट के हिस्से में मिले दो लाख रुपये वापस कर दिये. सभी ने विनीत पौलूस कच्छप के बारे जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि विनीत पौलूस कच्छप कल्याणपुर सिंह मोड़ हटिया का रहनेवाला है. एसएसपी के निर्देश पर पुलिस कर्मियों और विनीत पौलूस कच्छप को हिरासत में लिया. पुलिस ने विनीत पौलूस के पास से तीन लाख रुपये भी बरामद किया है. एसएसपी ने पीसीआर में तैनात चार जवान, टाइगर के दो जवान और पीसीआर में तैनात जमादार टिपुस को निलंबित कर दिया है. पुलिस सभी के खिलाफ केस दर्ज रविवार को जेल भेज सकती है. दिलशाद व उसके दो सहयोगी चांद और बिलाल से भी पुलिस पूछताछ कर रही है. पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार दिलशाद, बिलाल व चांद शुक्रवार देर रात व्यवसायी विजय व पवन से 15 लाख रुपये से अधिक की रकम लेकर कहीं जा रहे थे. इस दौरान विनीत पौलूस कच्छप कल्याणपुर में तैनात पुलिस कर्मियों के पास पहुंचा. उसने खुद को आइबी का अधिकारी बताते हुए पीसीआर में तैनात पुलिस कर्मियों से कहा कि कुछ लोग अवैध रूप से नये नोट लेकर कहीं बदलने के लिए जानेवाले हैं, जिसे पकड़ना है. इस के बाद विनीत पौलूस कच्छप ने पीसीआर में तैनात पुलिस कर्मियों से सहयोग से छापेमारी कर एक गाड़ी में सवार तीन लोगों को हिरासत में लिया. उनके पास से 11.60 लाख जब्त कर सभी को वहां से भगा दिया. पौलूस ने जमदार को 50 हजार तथा छह अन्य जवानों को 30- 30 हजार रुपये दिये. घटना के बाद को दिलशाद को आशंका हुई कि रुपये के बारे पवन और विजय को पहले से जानकारी थी, इसलिए दोनों ने पुलिस को सूचना देकर पैसे पकड़वाया है.

तब पवन और विजय को हिंदपीढ़ी के नालारोड स्थित एक घर में बंधक बना कर दिलशाद उनसे रुपये की मांग करने लगा. रुपये नहीं मिलने पर उसने शनिवार को जगन्नाथपुर पुलिस को पुलिसकर्मियों द्वारा रुपये लूटे जाने की जानकारी दी. दोनों से जानकारी मिलने पर पुलिस की टीम ने विजय और पवन को मुक्त कराया. इधर, मामले में कुछ लोगों का कहना है कि दिलशाद का विजय सिंह और पवन के साथ पहले से 38 लाख रुपये को लेकर विवाद था. विजय और पवन दोनों खलारी के व्यवसायी हैं.

दोनों से रुपये वापस पाने के लिए उनका अपहरण किया गया था. दिलशाद ने दोनों को मुक्त करने के एवज में रुपये वसूले थे, लेकिन पीसीआर में तैनात पुलिस अधिकारियों ने उसे रुपये के साथ पकड़ लिया था. कल्याणपुर निवासी पौलूस विनीत कच्छाप की पत्नी शक्ति कमांडो में है. वह पीसीआर में तैनात पुलिस कर्मियों को पहले से जानता था. जब उसे मामले की जानकारी मिली, तब उसने मामले को दबाने और अपराधियों और पुलिस के बीच लाइजनिंग के लिए तीन लाख रुपये लिये थे.

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