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हाइकोर्ट के आदेश की परवाह नहीं , मेन रोड पर फेरीवालाें का कब्जा, चलना कठिन

मेनराेड को जाम से मुक्ति नहीं मिल रही है. वजह है फुटपाथ पर लगनेवाली दुकानें. सबसे ज्यादा खराब हालत शहीद चौक से अंजुमन प्लाजा तक की है, जहां सड़क के दोनों ओर फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा है. महज आधा किलेमीटर की इस दूरी को पार करने में लोगों को 20 से 30 मिनट तक लग […]

मेनराेड को जाम से मुक्ति नहीं मिल रही है. वजह है फुटपाथ पर लगनेवाली दुकानें. सबसे ज्यादा खराब हालत शहीद चौक से अंजुमन प्लाजा तक की है, जहां सड़क के दोनों ओर फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा है. महज आधा किलेमीटर की इस दूरी को पार करने में लोगों को 20 से 30 मिनट तक लग जाते हैं. खास बात यह है कि अप्रैल 2016 में हाइकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वीरेंद्र सिंह ने मेन रोड से फुटपाथ दुकानों को हटाने और नो-पार्किंग में खड़े वाहनों को जब्त करने का आदेश दिया था. आदेश के आलोक में कार्रवाई भी हुई, लेकिन एक बार फिर मेन रोड पुरानी स्थिति में लौट चुका है.
रांची : मेन रोड में शहीद चौक से लेकर अंजुमन प्लाजा तक वाहनों के जाम का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो जाता है, जो रात तक जारी रहता है. सबसे खराब स्थिति दोपहर एक बजे के बाद से शाम के 7.30 बजे तक रहती है. ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों ओर आधे से ज्यादा सड़क पर फुटपाथी दुकानदार कब्जा जमाये रहते हैं. हाइकोर्ट के आदेश पर नगर निगम व ट्रैफिक पुलिस ने 16 अप्रैल से अभियान चला कर फुटपाथ दुकानों को हटा दिया गया था. इधर, दोबारा से यह सड़क अपने आठ माह पुरानी स्थिति में पहुंच गया है. हालांकि, हाइकोर्ट ने 29 अक्तूबर को भी एक आदेश दिया था, जिसमें कहा था कि मेन रोड को जाम फ्री रखें, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
नो-पार्किंग में खड़े रहते हैं वाहन, नहीं होती कार्रवाई
मेन रोड में कचहरी चौक से सुजाता चौक तक यूनिवर्सिटी गेट, सदर अस्पताल के चहारदीवारी के बगल में, अंजुमन प्लाजा के सामने, सैनिक मार्केट समेत अन्य एक-दो जगह पर पार्किंग तय है. लेकिन अधिकांश दुकानों के सामने वाहनों की पार्किंग होने लगी है. 29 अक्तूबर को हाइकोर्ट ने आदेश दिया था कि चाहे किसी की भी गाड़ी हो, नो पार्किंग में खड़ी मिले, तो उसे जब्त करें. इस अादेश के बाद कुछ दिनों तक स्थिति ठीक रही, लेकिन फिर से पहले वाली स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
ट्रैफिक पुलिस को सिर्फ जुर्माना वसूलने से मतलब
सड़क पर जाम न लगे और चौक-चौराहों पर वाहनों का परिचालन ट्रैफिक सिग्नल के मुताबिक हो, इसके लिए हर जगह ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की गयी है. लेकिन अधिकांश पुलिसकर्मियों को सिर्फ जुर्माना वसूलने से मतलब है. काली मंदिर मोड़ के पास वाहनों का यू-टर्न प्रतिबंधित है. लेकिन वहां हमेशा दोनों तरफ से वाहन चालक यू-टर्न करते हैं. इससे जाम की स्थिति पैदा होती है. बुधवार को दिन के करीब 2.00 बजे सर्जना चौक पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के सभी जवान वाहनों को पकड़ कर फाइन काटने में लगे थे और चौक जाम था. यही हाल अंजुमन प्लाजा के सामने का है. दोनों तरफ से लोग सिर्फ यू-टर्न ही नहीं करते. बल्कि कई बाइक व ऑटो चालक कुछ दूर तक विपरीत दिशा में भी चलने लगते हैं. चर्च कांप्लेक्स के सामने सड़क पर बने कट की वजह से जाम की स्थिति बनी रहती है.
780ई-रिक्शा चलते हैं मेन रोड में, इनकी मनमानी से लगता है जाम
मेन रोड में करीब 780 ई-रिक्शा चल रहे हैं. ई-रिक्शा चालकों की मनमानी की वजह से भी कचहरी चौक से सुजाता चौक तक जाम की स्थिति बनी हुई हैं. जहां मन वहां रोक कर पैसेंजर चढ़ाते-उतारते हैं. कभी दायें तो कभी बांयें से आगे निकलने की होड़ में ई-रिक्शा चालक कई जगहों पर तीन-तीन लेन बना देते हैं. इस कारण दूसरे वाहन चालकों को परेशानी होती है और जाम भी लगता है.

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