रांची: बालूमाथ के जॉर्ज मोनीपल्ली ने प्रभात खबर में 10 फरवरी को छपी लातेहार की 174 एकड़ वन भूमि पर अतिक्रमण संबंधी खबर पर अपनी प्रतिक्रिया भेजी है. उन्होंने बताया है कि नियामत अंसारी की हत्या दो मार्च 11 को ही कर दी गयी थी, जबकि उन्हें खबर में वन भूमि का अतिक्रमणकारी बताया गया है.
वहीं भूखन सिंह के बारे कहा गया है कि वह ग्राम स्वराज अभियान के संयोजक नहीं हैं. इन्हें मनरेगा कार्यकर्ता बताया गया है, जो वन परंपराओं को अक्षुण्ण रखने तथा आमलोगों को वन अधिकार अधिनियम-06 के तहत दावा की प्रक्रिया में मदद करते हैं. जॉर्ज ने खुद को कैंपेन फॉर सर्वाइवल एंड डिग्निटी (सीएसडी) की राष्ट्रीय कमेटी का सदस्य व इसकी राज्य स्तरीय यूनिट का प्रवक्ता बताया है.
संस्था का गठन वर्ष 2002 में तब किया गया था, जब देश भर में वन भूमि पर आश्रित लोगों के घर वन विभाग द्वारा उजाड़ने की खबरें आ रही थीं. सीएसडी वन वासियों को संसद द्वारा पारित वन अधिकार अधिनियम के तहत उनके हक के प्रति जागरूक करती है. वन विभाग द्वारा सिर्फ एफआइआर दर्ज कर देने भर से वन भूमि पर अतिक्रमण की बात सही नहीं हो जाती.
जॉर्ज मोनीपल्ली ने वन विभाग के कार्यशैली पर सवाल उठाया है कि यदि वह वनों की रक्षा के प्रति गंभीर है, तो उद्योगों के लिए वह लाखों एकड़ वन भूमि का फॉरेस्ट क्लियरेंस क्यों दे देती है. जॉर्ज ने कहा है कि वह वन अधिकार के प्रति लोगों की मदद तथा उन्हें जागरूक करने का काम जारी रखेंगे. उनके अनुसार राष्ट्रीय उद्यान सहित पूरे लातेहार जिले के जंगलों में हर वर्ष आग लगती थी. अमूमन मार्च व जून माह के बीच यह होता था. पर गत दो वर्षो से जिले के 75 फीसदी वन जंगल की आग से सुरक्षित हैं. ऐसा वन पर आधारित समुदाय की निगरानी व प्रयास से हुआ है. सीएसडी, लातेहार को भी इसका श्रेय जाता है.