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खुद को कमतर न समझें दिव्यांग : राज्यपाल

खूंटी: नि:शक्ता अभिशाप नहीं है. कई ऐसे उदाहरण राज्य, देश व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हैं, जिसमें दिव्यांगों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. यह बातें राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कही. वह शुक्रवार को खूंटी के नगर भवन में महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा आयोजित दिव्यांगों के लिए चलंत न्यायालय सह जागरूकता […]

खूंटी: नि:शक्ता अभिशाप नहीं है. कई ऐसे उदाहरण राज्य, देश व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हैं, जिसमें दिव्यांगों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. यह बातें राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कही. वह शुक्रवार को खूंटी के नगर भवन में महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा आयोजित दिव्यांगों के लिए चलंत न्यायालय सह जागरूकता समारोह के उदघाटन समारोह में बोल रही थीं.

इससे पूर्व राज्यपाल ने दीप जला कर समारोह का उदघाटन किया. उन्होंने कहा कि दिव्यांग अपने आत्मबल को कदापि छोटा न करें. बल्कि स्वयं को किसी भी दक्षता के मामले में सामान्य व्यक्ति से कम नहीं समझें. दिव्यांगों को भी आम नागरिक की तरह जीने का अधिकार है. राज्य व केंद्र सरकार द्वारा दिव्यांगों के विकास हेतु कई योजनाएं चलायी जा रही है. सभी इसका पूरा लाभ उठायें. दिव्यांगों के अधिकार के संरक्षण के लिए सबों को मिल कर आगे आने की जरूरत है.


राज्यपाल ने कहा कि नि:शक्तों को प्रमाणपत्र सरल रूप में मिले, इसके लिए प्रमाणपत्र शिविर प्रखंड स्तर पर लगना चाहिए. महिला बाल विकास व सामाजिक सुरक्षा विभाग के संयुक्त सचिव राजेश सिंह ने कहा कि दिव्यांगों की पीड़ा से रूबरू होने के लिए राज्यपाल का कार्यक्रम में आना गौरव की बात है. आमजनों को विविधता की तर्ज पर दिव्यांगों को देखना चाहिए. दिव्यांग किसी भी मामले में पीछे नहीं है. राज्य नि:शक्तता आयुक्त सतीश चंद्रा ने दिव्यांगों के विकास हेतु राज्य व केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी. डीसी चंद्रशेखर, एसपी अनीस गुप्ता ने कहा कि जिला प्रशासन दिव्यांगों को सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का समुचित लाभ देने के लिए कटिबद्ध है.

स्वागत गीत आशा किरण संस्था की छात्राओं ने पेश किया. जबकि स्वागत भाषण एसी रंजीत लाल व धन्यवाद ज्ञापन एसडीओ नीरजा कुमारी ने किया. मौके पर आइटीडीए निदेशक कौशल किशोर ठाकुर, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी लाल सिंह कुरील, कार्यपालक दंडाधिकारी रवींद्र गागराई, जिला कल्याण पदाधिकारी सुषमा नीलम सोरेंग, कार्यपालक पदाधिकारी मेघना रूबी कच्छप, डीपीआरओ रोहित कुमार, पुलिस निरीक्षक कमल किशोर, सब इंस्पेक्टर भगवान प्रसाद सहित कई अधिकारी मौजूद थे.

चलंत न्यायालय में मांग आयी : चलंत न्यायालय में दिव्यांगों ने नि:शक्ता पेंशन की राशि 600 रुपये से बढ़ा कर एक हजार करने, मैट्रिक पास दिव्यांग को सरकारी कार्यालयों में अनुबंध पर नौकरी देने, बस किराया में रियायत, सभी दिव्यांग को बीपीएल व अंत्योदय योजना का लाभ, प्रमाणपत्र सरल रूप में देने व गरीब दिव्यांग को इंदिरा आवास देने की मांग की गयी. अधिकारियों ने मांगों पर यथासंभव उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया.

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