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एचइसी के सीएमडी विश्वजीत सहाय ने कहा एचइसी को पटरी पर लाया जायेगा

एचइसी के सीएमडी विश्वजीत सहाय से बातचीत रांची : एचइसी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. इस वित्तीय वर्ष में एचइसी घाटे में है. इसके कर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है. चालू वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही एचइसी के लिए चुनौतीपूर्ण है. फिलहाल यह 68.73 करोड़ रुपये के घाटे में […]

एचइसी के सीएमडी विश्वजीत सहाय से बातचीत

रांची : एचइसी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. इस वित्तीय वर्ष में एचइसी घाटे में है. इसके कर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है. चालू वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही एचइसी के लिए चुनौतीपूर्ण है. फिलहाल यह 68.73 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है. इस घाटे को पाटना नये सीएमडी के लिए चुनौतीपूर्ण होगा. निगम के वर्तमान हालात को देखते हुए भारी उद्योग मंत्रलय ने संयुक्त सचिव विश्वजीत सहाय को कार्यवाहक सीएमडी नियुक्त किया है. प्रभात खबर के संवाददाता राजेश झा ने नव नियुक्त सीएमडी से निगम के वर्तमान हालात को लेकर विस्तार से बातचीत की. प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश.

एचइसी की वर्तमान स्थिति कैसी है?

एचइसी भारी उद्योग मंत्रलय का महत्वपूर्ण अंग है. वर्तमान में कई तरह की परेशानियां है. कार्यशील पूंजी का अभाव है. कई कंपनियों के पास कार्यादेश के एवज में राशि बकाया है. उसे शीघ्र वसूली का प्रयास होगा. सेल से एचइसी को बड़ा कार्यादेश मिला है, जो समय पर पूरा नहीं हुआ है. इसे समय पर पूरा करना उनकी प्राथमिकता होगी.

एचइसी के कर्मियों और यूनियनों की डिमांड कैसे पूरा करेंगे?

एचइसी के कर्मी निगम की हालत से अवगत है. समस्या को वे भली-भांति समझते भी है. कोई कर्मी नहीं चाहता है कि एचइसी डूबे. कर्मियों और यूनियनों की मांगों पर प्रबंधन विचार करेगा. हमारा प्रयास होगा कि कर्मी खुश रहें.

विस्तारीकरण की क्या योजना है ?

एचइसी के प्लांटों में लगी मशीनें काफी पुरानी हैं. मेकन को विस्तारीकरण के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है. मेकन के अधिकारियों को समय पर रिपोर्ट देने को कहेंगे. इसे भारी उद्योग मंत्रलय के समक्ष रखा जायेगा और उनसे सहयोग लिया जायेगा.

फंड की व्यवस्था कहां से और कैसे होगी?

कार्यशील पूंजी के लिए राज्य सरकार से जमीन के एवज में बकाया राशि की मांग की जायेगी. एचइसी ने राज्य सरकार को आवास भी किराया पर दिया है. इसके एवज में दस करोड़ से अधिक राशि बकाया है, उसे भी लेने का प्रयास किया जायेगा. इसके अलावा भारी उद्योग मंत्रलय से भी सहयोग लेंगे.

इस वित्तीय वर्ष में एचइसी घाटे में है, लाभ में लाने की कोई योजना है?

एचइसी के कर्मियों का मनोबल गिरा हुआ है. मनोबल ऊंचा करने के लिए उनके पास योजना है. इसके लिए कर्मियों और यूनियनों से बैठ कर बात करेंगे. उनका प्रयास होगा कि एचइसी चालू वित्तीय वर्ष में लाभ अजिर्त करे.

एचइसी में वेतन अनियमित होने से कर्मियों में आक्रोश है?

वेतन अनियमित होने से कर्मियों का आक्रोशित होना स्वाभाविक है, लेकिन कर्मियों को सहयोग करना होगा. एचइसी में काम करने वाले लोग एक परिवार की तरह है. उनका प्रयास होगा कि कर्मियों को समय पर वेतन मिले.

एचइसी के निदेशकों में मतभेद की बात सामने आयी है?

इसके बारे में मुङो ज्यादा जानकारी नहीं है. जहां इतने लोग हैं वहां कुछ विषयों पर मतभेद हो सकता है. इसे नकारा नहीं जा सकता है. उनका प्रयास होगा कि सभी मिल कर एचइसी के उत्थान के लिए कार्य करे.

आवासीय परिसर की रौनक खत्म होते जा रही है इसके लिए क्या करेंगे?

एचइसी की जब स्थापना हुई थी, उस समय रांची एचइसी के नाम से जाना जाता था. उस गौरव को हासिल करने के लिए वह निश्चित रूप से कदम उठायेंगे. प्लांट अस्पताल की स्थिति में भी सुधार किया जाना है. यह तभी संभव होगा जब एचइसी के पास पर्याप्त कार्यशील पूंजी होगी.

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