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जनाक्रोश रैली. संशोधन प्रस्ताव आया, तो नहीं चलने देंगे सदन

जमशेदपुर : नेता प्रतिपक्ष हेमंत साेरेन ने कहा कि रघुवर सरकार 17 नवंबर से शुरू हाेनेवाले विधानसभा सत्र में यदि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशाेधन संबंधी प्रस्ताव लाती है, ताे एक दिन भी सदन नहीं चलने देंगे. एक मिनट में सदन काे बंद करा दिया जायेगा. सरकार की हिम्मत आैर ताकत काे वे देखना चाहते हैं. […]

जमशेदपुर : नेता प्रतिपक्ष हेमंत साेरेन ने कहा कि रघुवर सरकार 17 नवंबर से शुरू हाेनेवाले विधानसभा सत्र में यदि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशाेधन संबंधी प्रस्ताव लाती है, ताे एक दिन भी सदन नहीं चलने देंगे. एक मिनट में सदन काे बंद करा दिया जायेगा. सरकार की हिम्मत आैर ताकत काे वे देखना चाहते हैं.

बिना सहमति के यदि सरकार बिल लाती है, ताे देखेंगे कि किसानाें में इसे राेकने की ताकत है या फिर माेटे ताेंदवालाें में, जाे इसे पास कराने में परदे के पीछे हैं. राज्य में आग लग जायेगी आैर इसके लिए सरकार जिम्मेदार हाेगी. उक्त बातें झामुमाे के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत साेरेन ने मंगलवार काे गाेपाल मैदान में सीएनटी-एसपीटी एक्ट में किये जा रहे संशाेधन के प्रयास के विराेध में आयोजित उलगुलान-जनाक्राेश रैली काे संबाेधित करते हुए कहीं. उन्हाेंने कहा कि आज सरकार इसलिए इतना अधिक बाेल रही है कि हमारे ही लाेग उन्हें अधिक समर्थन प्रदान कर रहे हैं. उन्हाेंने कहा कि भाजपा के सांसद-विधायकाें काे गांव में घुसने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए़ सीएनटी-एसपीटी एक्ट कागज का टुकड़ा नहीं है, यह आदिवासी-मूलवासियाें की आत्मा है.

नाेटबंदी का ड्रामा रचा
उन्होंने कहा कि नाेटबंदी मामले में सरकार ने अपने लाेगाें काे फायदा पहुंचाने का काम किया है. सरकार के समर्थित लाेग पहले बैंकाें का पैसा लेकर भाग गये, फिर उन्हें उबारने के लिए सरकार ने 25 हजार कराेड़ की सहायता की, इससे भी जब बात नहीं बनी, ताे नाेटबंदी का नया ड्रामा रचा. गरीबाें-मजदूर-किसानाें काे अपने ही पैसाें के लिए माेहताज कर दिया गया. पैसाें के अभाव में इलाज नहीं हाे पा रहा है, बच्चे मर रहे हैं. इन सभी के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं. वे दावे के साथ कहते हैं कि जितना पैसा लाेग जमा करा रहे हैं, उतना पैसा बैंक वापस नहीं कर पायेंगे. अगर एेसा हाेगा, तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे.
बच्चों को पढ़ायें, नहीं तो मजदूरी करते-करते कट जायेगी जिंदगी : शिबू सोरेन
गाेपाल मैदान में आयाेजित जनाक्राेश रैली काे संबाेधित करते हुए झामुमाे के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू साेरेन ने लाेगाें से आह्वान किया कि वे अपने बच्चाें काे पढ़ायें, वही आगे चलकर पूंजी बनेंगे, यदि हमने अपने बच्चाें को पढ़ा-लिखा कर बड़ा अधिकारी नहीं बनाया, ताे जिंदगी मजदूरी करते हुए कट जायेगी. बाहर के लाेग झारखंडियाें काे अमीर समझते हैं, सभी संपदा यहां है, लेकिन हकीकत क्या है किसी से छिपा हुअा नहीं है. काेयला-तांबा, यूरेनियम सब कुछ यहां है, लेकिन उस पर हमारा किसी तरह का अधिकार नहीं है. सीएनटी-एसपीटी में बदलाव कर सरकार साजिश के तहत हमसे हमारी जमीन भी छीनना चाहती है. झारखंड के लाेग सुखी नहीं है. उन्हें तरह-तरह से सताया जा रहा है, पहले सूदखाेर-महाजनाें से हम परेशान थे़ अब हमें जमीन से भी वंचित करनी की याेजना बनायी गयी है. नाैजवानाें काे इस व्यवस्था के खिलाफ लड़ने के लिए आगे आना हाेगा, नहीं ताे हमें आनेवाली पीढ़ी माफ नहीं करेगी. आखिर कब तक हम जुल्म सहते रहेंगे. झारखंड काे बनाने के लिए उन्हाेंने जंगलों में रातें गुजारी, लड़ाई लड़ी, लेकिन जब सत्ता की बारी आयी ताे उनके खिलाफ बड़ी-बड़ी साजिश रची गयी.
रैली काे चंपई साेरेन, कुणाल षाड़ंगी, दीपक बिरुआ, निरल पूर्ति, शशिभूषण सामड, विधायक जाेबा माझी, स्टीफन मरांडी, सीता साेरेन, पूर्व विधायक नलिन साेरेन, हाजी हुसैन अंसारी, अकील अख्तर, पूर्व सांसद सुमन महताे, कृष्णा मार्डी, केंद्रीय महासचिव माेहन कर्मकार, केंद्रीय सचिव राजू गिरी, केंद्रीय सचिव गणेश चाैधरी, बाबर खान, प्रमाेद लाल, रविंद्र नाथ मुर्मू, मथुरा महताे, कमलजीत काैर गिल ने भी संबाेधित किया.

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