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जमीन के बदले जमीन की हो बात : मरांडी

रांची: पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में जमीन के बदले जमीन की बात होनी चाहिए़ खनिज की रॉयल्टी में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए़ यह कानून बनना चाहिए कि कंपनी के बंद होने पर उसकी जमीन मूल रैयत को वापस हो. इन विषयों पर स्पष्ट दृष्टिकोण बनाने की जरूरत है़ यह भी याद रखने […]

रांची: पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में जमीन के बदले जमीन की बात होनी चाहिए़ खनिज की रॉयल्टी में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए़ यह कानून बनना चाहिए कि कंपनी के बंद होने पर उसकी जमीन मूल रैयत को वापस हो. इन विषयों पर स्पष्ट दृष्टिकोण बनाने की जरूरत है़ यह भी याद रखने की जरूरत है कि आबादी के अनुपात में ही आरक्षण मिलता है़.

श्री मरांडी शनिवार को कैथोलिक बिशप्स काॅन्फ्रेंस ऑफ इंडिया के आदिवासी-अनुसूचित जाति आयोग द्वारा स्थानीयता, वनाधिकार कानून- 2006, परिसीमन- 2016 व सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के विषय पर विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक संगठनों के लिए आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे़ कार्यक्रम पुरुलिया रोड स्थित एसडीसी सभागार में हुआ़ संचालन पूर्व विधायक नियेल तिर्की ने किया़ मौके पर डॉ जावेद अहमद, डॉ कैरुबिम तिर्की, राकेश पाॅल, फादर सिप्रियन कुल्लू, शिवा कच्छप, लक्ष्मी नारायण मुंडा, बेर्नादेत्त डुंगडुंग, पुष्पा टेटे, कुलदीप तिर्की आदि मौजूद थे़.

भ्रम फैलाया जा रहा है : बंधु : पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि सीएनटी एक्ट के बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है कि यह सिर्फ आदिवासियों से जुड़ा कानून है, जबकि यह गैर आदिवासी झारखंडियों का भी सुरक्षा कवच है़ गैर अनुसूचित क्षेत्रों में गैर आदिवासी मूलवासियों के हित की रक्षा नहीं की गयी है़ वनभूमि में रहने वालों को सिर्फ तीन से पांच डिसमिल जमीन दी जा रही है़.
आदिवासी खतरे में हैं : गौतम : राजद के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा ने कहा कि झारखंड में लोकतंत्र खतरे में है, आदिवासी खतरे में हैं और सरकार सुनने के मूड में नहीं है़ हमारी लड़ाई बड़ी पूंजी से है़ अलग-अलग खेमों में रह कर उससे नहीं टकरा सकते़
असलियत बताने की जरूरत : स्टीफन : पूर्व डिप्टी सीएम स्टीफन मरांडी ने कहा कि यदि आदिवासियों के विकास की बात है, तो उनकी लाखों एकड़ लुटी गयी जमीन की वापसी के लिए नीति बनानी चाहिये. ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा के भ्रामक प्रचार की असलियत बताने की जरूरत है़ भाजपा के आदिवासी विधायकों से पूछना होगा कि वे अपने जाति-समाज को बचाना चाहते हैं, या विधायक बने रहना चाहते है़ं
लोगों को संगठित होना होगा : दयामनी : सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला ने कहा कि भूमि के रिकॉर्ड के ऑनलाइन होने और सिंगल विडो सिस्टम जैसी बातों को प्रगतिशीलता समझते थे, पर दरअसल ये पूंजीपतियों के फायदे के लिए है़ ग्रामीण संगठित है़ं यदि झारखंड को बचाना है, तो शहर के लोगों को भी संगठित होना होगा़
चर्च निभाये भूमिका : सुबोधकांत सहाय
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि इस क्षेत्र में मिशनरियों के योगदान को नकार नहीं सकते़ डॉ करमा उरांव ने कहा कि जब फिलीपींस में इस तरह की घटना हुई थी, तब वहां एक कार्डिनल ने नेतृत्व देकर परिस्थितियां संभाली थी़ अनुसूचित क्षेत्र में बाहर के लोगों के आने से जनसंख्या का संतुलन बिगड़ रहा है़ सीबीसीआई व आदिवासी-अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बिशप विंसेंट बरवा ने कहा कि आदिवासियों व मूलवासियों में भय का माहौल है़ विपक्ष को अपनी भूमिका निभानी चाहिए़
ऋण दिलाने की व्यवस्था करे सरकार : भगत
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा कि रघुवर सरकार सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन की जगह सरलीकरण शब्द का प्रयोग कर रही है़ बोल रही है कि मालिकाना हक बना रहेगा़ यह झूठ है़ टेनेंसी एक्ट काश्तकारी कानून है़ जमीन की प्रकृति बदलने के बाद टेनेंसी एक्ट लागू नहीं रहता. जमीन ट्रांसफर ऑफ प्रोपर्टी एक्ट के तहत आ जाती है़ यदि सरकार आदिवासियों का विकास चाहती है, तो ऋण दिलाने की व्यवस्था करे़ जमीन की खरीद बिक्री के लिए थाना क्षेत्र की बाध्यता समाप्त करने की बात करे़ कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी इस लड़ाई में शामिल होना चाहते है़ं सदन में लड़ने को तैयार है़ं

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