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जाना था सिविल कोर्ट, ट्रांजिट रिमांड लेने एएसआइ पहुंच गया एसडीओ कोर्ट

रांची : पुलिस को चुस्त-दुरुस्त कर अपराध नियंत्रण का दम भरनेवाली रांची पुलिस का एक एएसआइ (जमादार) शमीम अहमद ने रांची पुलिस की सारी कलई खोल कर रख दी़ पंडरा ओपी का जमादार शमीम अहमद बुधवार को ट्रांजिट रिमांड लेने सिविल कोर्ट की जगह एसडीओ कोर्ट पहुंच गया़ एसडीओ आदित्य आनंद भी उस जमादार की […]

रांची : पुलिस को चुस्त-दुरुस्त कर अपराध नियंत्रण का दम भरनेवाली रांची पुलिस का एक एएसआइ (जमादार) शमीम अहमद ने रांची पुलिस की सारी कलई खोल कर रख दी़ पंडरा ओपी का जमादार शमीम अहमद बुधवार को ट्रांजिट रिमांड लेने सिविल कोर्ट की जगह एसडीओ कोर्ट पहुंच गया़ एसडीओ आदित्य आनंद भी उस जमादार की बात सुन कर कुछ देर के लिए अचंभे में पड़ गये़ बाद में एक अधिवक्ता ने उसे समझाया, फिर जमादार शमीम अहमद गिरफ्तार युवक को लेकर सिविल कोर्ट गये़.
क्या है मामला
पंडरा ओपी के जमादार शमीम अहमद को बुधवार को चेक बाउंस मामले में एक युवक को सिविल कोर्ट ले जाना था़ शमीम अहमद ने अतुल नामक युवक को चेक बाउंस के एक मामले में बुधवार को पंडरा इलाका स्थित बैंक के सामने से गिरफ्तार किया था़ उसके खिलाफ पंजाब के जालंधर कोर्ट से चेक बाउंस मामले में गिरफ्तारी वारंट निर्गत था़ लेकिन, शमीम अहमद युवक को गिरफ्तार कर सिविल कोर्ट न ले जाकर उसे सदर अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) के पास ले गया़ दरअसल गिरफ्तार युवक को कोर्ट में प्रस्तुत कर उसे ट्रांजिस्ट रिमांड पर जलंधर कोर्ट ले जाना है़.

बुधवार को जमादार शमीम अहमद हथकड़ी लगे युवक को साथ लेकर समाहरणालय के बी ब्लॉक स्थित एसडीओ कार्यालय पहुंचे़ जब वे वहां पहुंचे, तो लोग समझ नहीं पा रहे थे कि हथकड़ी में जकड़े युवक को एसडीओ के पास क्यों लाया गया है़ जानकारी मिलने पर लोग कहने लगे कि यह तो सिविल कोर्ट का मामला है़ इसे तो संबंधित न्यायिक दंडाधिकारी (ज्यूडिसियल मजिस्ट्रेट) की अदालत में प्रस्तुत करना चाहिए़ करीब दो घंटे बाद एसडीओ ने एक अधिवक्ता से सलाह लेने के बाद उसे वहां से जाने को कहा़ एसडीओ ने कहा कि यहां सिविल का मामले का निष्पादन होता है, अपराधिक मामले के लिए न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट जाना होगा़ इसके बाद जमादार युवक को लेकर वहां से निकल गया़.

पहली बार ऐसा देखा
गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट या सेशन जज की अदालत में गिरफ्तार आरोपी को प्रस्तुत करना होता है़ पुलिस को कानून की सही जानकारी नहीं होने के कारण गिरफ्तार युवक को एसडीओ कार्यालय ले जाया गया़ यह हैरान और परेशान करनेवाली बात है़ ऐसा पहली बार देखा गया है़ रंजीत कुमार, अधिवक्ता

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