Advertisement
हाइब्रिड सीड बकाये की केंद्र की टीम ने जांच की
रांची : राज्य में 2013-14 में बांटे गये हाइब्रिड सीड का भुगतान नहीं होने का कारण जानने के लिए भारत सरकार की एक टीम ने झारखंड का दौरा किया. टीम 20 से 25 सितंबर तक झारखंड में रही. टीम ने ऑडिट के क्रम में यह जानने का प्रयास किया कि किस परिस्थिति में हाइब्रिड सीड […]
रांची : राज्य में 2013-14 में बांटे गये हाइब्रिड सीड का भुगतान नहीं होने का कारण जानने के लिए भारत सरकार की एक टीम ने झारखंड का दौरा किया. टीम 20 से 25 सितंबर तक झारखंड में रही. टीम ने ऑडिट के क्रम में यह जानने का प्रयास किया कि किस परिस्थिति में हाइब्रिड सीड आपूर्ति करनेवाली कंपनियों काे भुगतान नहीं हो सका. ऑडिट टीम के सदस्यों ने फील्ड का दौरा किया और अधिकारियों के साथ मीटिंग कर उनका पक्ष भी सुना. आपूर्ति से संबंधित कागजातों की भी जानकारी ली. 2013-14 में बांटे गये हाइब्रिड सीड वितरण की शर्तों पर कृषि विभाग के पूर्व निदेशक डॉ केडीपी साहू ने आपत्ति की थी.
केंद्र ने भुगतान पर लगा रखा है रोक : केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2013-14 में बांटे गये हाइब्रिड सीड के बकाये भुगतान पर रोक लगा दी है. केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत करीब 119 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया है. जिस पत्र से राशि उपलब्ध कराने की जानकारी राज्य सरकार को दी गयी है, उसी में केस नंबर का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इसके बकाये का भुगतान इस राशि से नहीं की जा सकती है.
49 करोड़ रुपये है बकाया : विभिन्न कंपनियों को हाइब्रिड सीड का कुल 49 करोड़ रुपये बकाये का भुगतान करना है. स्टेट लेबल स्क्रीनिंग कमेटी (एसएलएससी) और निकाले गये राज्यादेश में भिन्नता के कारण यह मामला अदालत में चला गया है. विभाग ने इस पर घटनोत्तर राज्यादेश निकालने का प्रयास किया था. इसकी अनुमति नहीं मिल पायी है.
क्या है मामला : स्टेट लेबल स्क्रीनिंग कमेटी ने हाइब्रिड सीड वितरण के लिए किसानों को 25 फीसदी या अधिकतम 50 रुपये अनुदान देने की स्वीकृति दी थी. हाइब्रिड सीड योजना के नोडल पदाधिकारी ने जो आदेश दिया था, उसमें अनुदान की दर में भिन्नता थी. इसमें जिक्र था कि अनुदान की राशि 50 फीसदी या अधिकतम 75 रुपये होगी. इस कारण हाइब्रिड सीड कंपनियों के लिए जो 40 करोड़ 98 लाख रुपये का प्रावधान किया गया था, वह बढ़ कर 49 करोड़ 75 लाख रुपये हो गया है. विभाग के तत्कालीन निदेशक डॉ केडीपी साहू ने नोडल पदाधिकारी द्वारा निकाले गये राज्यादेश पर आपत्ति की थी. इसके बाद से ही राशि का भुगतान नहीं हो पाया है.
किन-किन कंपनियों का कितना है बकाया
कंपनी बकाया (करोड़)
बायर 9.50
डेल्टा सीड्स 1.75
देवगन सीड्स 1.32
धान्या सीड्स 5.82
गंगा कावेरी 0.31
जेके एग्री जेनेटिक्स 2.49
माहको 0.12
नामधारी सीड्स 1.06
नाथ सीड्स 2.70
पीएचआइ सीड्स 9.16
राशि सीड्स 1.82
शक्ति सीड्स 1.07
सीरी सीड्स 1.10
बायो सीड्स 3.26
श्रीराम फर्टिलाइजर 1.23
जेएस एग्री 3.99
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement