झारखंड के ग्रामीण इलाकों में केंद्र सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना व राज्य योजना के अंतर्गत राज्य के गांवों का विद्युतीकरण किया गया है. सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र, उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र व आदिम जनजाति बहुल क्षेत्रों में विद्युतीकरण का काम राज्य गठन के डेढ़ दशक बाद भी शुरू नहीं हो सका था. हालांकि, गुजरे एक वर्ष में उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के गांवों तक बिजली पहुंचाने की कवायद तेज की गयी है. झारखंड बिजली वितरण निगम का दावा है कि गांवों में विद्युतीकरण को लेकर पोल, तार व ट्रांसफारमर लगाने का काम एक साथ पूरा किया जा रहा है.
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68 फीसदी ग्रामीण घरों तक नहीं पहुंची बिजली
रांची: झारखंड के लगभग 68 प्रतिशत ग्रामीण घरों में बिजली उपलब्ध नहीं है. केंद्रीय विद्युत, कोयला एवं नवीन और नवीनीकरण उर्जा मंत्रालय के मंत्री पियूष गोयल ने राज्यसभा में बताया था कि झारखंड राज्य में ग्रामीण घरों की कुल संख्या 46,85,965 है, जिसमें से 15,14,050 घरों को ही बिजली पहुंचायी जा सकी है. जबकि 31,71,915 […]
रांची: झारखंड के लगभग 68 प्रतिशत ग्रामीण घरों में बिजली उपलब्ध नहीं है. केंद्रीय विद्युत, कोयला एवं नवीन और नवीनीकरण उर्जा मंत्रालय के मंत्री पियूष गोयल ने राज्यसभा में बताया था कि झारखंड राज्य में ग्रामीण घरों की कुल संख्या 46,85,965 है, जिसमें से 15,14,050 घरों को ही बिजली पहुंचायी जा सकी है. जबकि 31,71,915 घरों तक बिजली पहुंचाना शेष है.
झारखंड के ग्रामीण इलाकों में केंद्र सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना व राज्य योजना के अंतर्गत राज्य के गांवों का विद्युतीकरण किया गया है. सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र, उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र व आदिम जनजाति बहुल क्षेत्रों में विद्युतीकरण का काम राज्य गठन के डेढ़ दशक बाद भी शुरू नहीं हो सका था. हालांकि, गुजरे एक वर्ष में उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के गांवों तक बिजली पहुंचाने की कवायद तेज की गयी है. झारखंड बिजली वितरण निगम का दावा है कि गांवों में विद्युतीकरण को लेकर पोल, तार व ट्रांसफारमर लगाने का काम एक साथ पूरा किया जा रहा है.
409 गांव के आस-पास नहीं कोई ट्रांसमिशन लाइन : राज्य के 409 गांव के आस-पास कोई ट्रांसमिशन लाइन नहीं है. ऐसे में वहां सोलर लाइट के जरिये विद्युतीकरण की व्यवस्था की जा रही है. जेरेडा द्वारा सोलर लाइट का काम कराया जा रहा है. वितरण निगम का दावा है कि झारखंड के 29,494 गांवों में से 26,967 गांवों में विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया गया है. शेष 2525 गांवों में से दो हजार गांवों में विद्युतीकरण का काम दिसंबर 2016 तक पूरा कर लिया जायेगा. इनमें से ज्यादातर गांव घोर नक्सल क्षेत्र के हैं. झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में देश की आजादी के बाद से अब तक बिजली नहीं पहुंचायी जा सकी है. इनमें लातेहार, गढ़वा,पलामू व चतरा के कुल 1,014 गांव शामिल हैं. नक्सल प्रभावित गांवों में विद्युतीकरण का काम पूरा करने के लिए इसी वर्ष अगस्त तक समय निर्धारित किया गया है.
दिसंबर 2016 तक गांवों के विद्युतीकरण का लक्ष्य : दिसंबर 2016 तक गांवों के विद्युतीकरण के लिए झारखंड बिजली वितरण निगम ने रोड मैप तैयार किया है. इसमें डीवीसी कमांड एरिया के 107 और एनटीपीसी क्षेत्र के 12 गांवों को भी शामिल किया गया है. दोनों क्षेत्र के गांवों में जून महीने के अंत तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. निगम की योजना के मुताबिक चतरा में जून और लातेहार, गढ़वा व पलामू में अगस्त तक विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया जायेगा. उसके बाद राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के 12वें प्लान से मिली राशि से दिसंबर महीने तक काम पूरा किया जायेगा.
राष्ट्रीय स्तर पर कहां है झारखंड
क्षेत्र झारखंड का औसत राष्ट्रीय औसत
कुल घरों में बिजली की उपलब्धता 56% 72%
ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में बिजली की उपलब्धता 44.70% 56%
शहरी क्षेत्रों के घरों में बिजली की उपलब्धता 89.5% 92.7%
एटी एंड सी लॉस 36.28% 23.3%
पीक शॉर्टेज (वित्तीय वर्ष 2014-15 में) 14.6% 2.0%
एनर्जी शॉर्टेज (वित्तीय वर्ष 2014-15 में) 6.0% 5.0%
पॉवर कंजमशन पर कैपिटा 552 केडब्लूएच 1010 केडब्लूएच
केडब्लूएचएसीएस-एआरआर गैप 3.16 रुपये प्रति किलोवाट 0.44 रुपये प्रति किलोवाट
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