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हड़ताली पारा शिक्षकों को नहीं मिल सकेगा आरक्षण का लाभ
हड़ताली पारा शिक्षकों को नहीं मिल सकेगा आरक्षण का लाभ रांची : राज्य के हड़ताली पारा शिक्षकों को प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में आरक्षण के लाभ के लिए पारा शिक्षकों की पांच वर्ष की अटूट सेवा अनिवार्य है. स्कूल नहीं जानेवाले पारा शिक्षकों की सेवा अटूट नहीं […]
हड़ताली पारा शिक्षकों को नहीं मिल सकेगा आरक्षण का लाभ
रांची : राज्य के हड़ताली पारा शिक्षकों को प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में आरक्षण के लाभ के लिए पारा शिक्षकों की पांच वर्ष की अटूट सेवा अनिवार्य है. स्कूल नहीं जानेवाले पारा शिक्षकों की सेवा अटूट नहीं होगी. अगर बाद में समझौता के तहत उनकी सेवा बहाल भी की जाती है, तो भी हड़ताल अवधि में उनकी सेवा ब्रेक मानी जायेगी. ऐसे में हड़ताली पारा शिक्षकों को प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा.
प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली में पारा शिक्षकों के लिए 50 फीसदी पद आरक्षित किया गया है. वर्ष 2015 व 2016 में हुई प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में पारा शिक्षकों को इसका लाभ दिया गया है. इसके तहत लगभग सात हजार पारा शिक्षक स्थायी शिक्षक बने हैं.
राज्य में नवंबर में फिर से शिक्षक पात्रता परीक्षा होगी. शिक्षक पात्रता परीक्षा के बाद प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी. प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के प्रावधान के अनुरूप लगभग 30 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होनी है. वैसे पारा शिक्षक जो हड़ताल पर हैं और शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल हैं या फिर अगली परीक्षा में सफल होते हैं, तो भी उन्हें शिक्षक नियुक्ति में आरक्षण लाभ नहीं मिलेगा.
जिलों को दिया गया जरूरी दिशा निर्देश : झारखंड शिक्षा परियोजना की आेर से अटूट सेवा को लेकर सभी जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है. हड़ताली पारा शिक्षकों की वापसी के बाद भी उनकी सेवा तब तक अटूट नहीं करने को कहा गया है, जब तक इस संबंध में सरकार स्तर से आदेश जारी नहीं किया जाता. अगर जिला स्तर पर पदाधिकारी अपने स्तर से हड़ताली पारा शिक्षकों की सेवा बहाल करते हैं, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. उल्लेखनीय है कि राज्य में पारा शिक्षक 17 सितंबर से हड़ताल पर हैं.
क्या है प्रावधान : प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में आरक्षण का लाभ लेने के लिए पारा शिक्षक को इस आशय का प्रमाण पत्र देना होता है कि वे लगातार पांच वर्ष से सेवा कर रहे हैं. इस दौरान उनकी सेवा अटूट है. यह प्रमाण पत्र संबंधित प्रखंड के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी द्वारा जारी किया जाता है. प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर पारा शिक्षक को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा.
रांची. हड़ताली पारा शिक्षकों को सरकार ने 25 अक्तूबर तक काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया था. सरकार द्वारा तय समय सीमा समाप्त होने के बाद भी पारा शिक्षक स्कूल नहीं लौटे. हजारों की संख्या में पारा शिक्षक अब भी राजधानी में जमे हुए हैं. झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष संजय दुबे ने बताया कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा. पारा शिक्षक सरकार दबाव में झुकने वाले नहीं है. काम पर लौटने की समय सीमा समाप्त होने बाद भी हड़ताल खत्म नहीं करनेवाले पारा शिक्षकों पर कार्रवाई की जायेगी. इस संबंध में पत्र सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को भेज दिया गया है.
पारा शिक्षकों के आंदोलन का समर्थन
रांची. भाकपा, राजद व सपा नेताओं ने पारा शिक्षकों के आंदोलन का समर्थन किया है. मंगलवार को भाकपा राज्य सचिव केडी सिंह, राजद प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा व सपा प्रदेश अध्यक्ष मनोहर यादव ने पारा शिक्षकों के आंदोलन स्थल पर जाकर उनका हौसला बढ़ाया. उन्होंने कहा कि पारा शिक्षकों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा. राज्य सरकार पारा शिक्षकों का शोषण कर रही है. इसके खिलाफ आंदोलन और तेज किया जायेगा. इस अवसर पर जुबैर भाई, ललित सिंह, आलोक सिंह, अजय कुमार सिंह आदि मौजूद थे.
रांची : झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक महासंघ व बीआरपी सीआरपी महासंघ के तत्वावधान में 39 दिनों से चली आ रही हड़ताल मंगलवार को भी जारी रही. जयपाल सिंह स्टेडियम परिसर में घेरा डालो-डेरा डालो कार्यक्रम में जुटे 20 हजार से अधिक शिक्षाकर्मियों ने मंगलवार को राज्य सरकार की दमनात्मक कार्रवाई के खिलाफ न्याय मार्च निकाला. न्याय मार्च में शामिल लोग स्टेडियम से राजभवन की ओर रवाना हुए. पुलिस ने राजभवन के पास मार्च में शामिल लोगों को रोक दिया. इसके बाद शिक्षाकर्मी वहीं सड़क पर बैठ गये.
इस मौके पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष गाैतम सागर राणा ने शिक्षाकर्मियों को संबोधित करते हुए उनकी मांगों को जायज बताया आैर आंदोलन का समर्थन किया. कई अन्य राजनीतिक दलों के नेताअों ने भी पारा शिक्षकों की हड़ताल को समर्थन दिया. इस मौके पर राज्यपाल के नाम मांग पत्र सौंपा गया. राज्यपाल से न्याय की गुहार लगायी गयी है.
इधर, न्याय मार्च के दौरान सड़कें जाम हो गयीं. इससे लोगों को परेशानी हुई. आज भिक्षाटन करेंगे : झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक महासंघ व बीआरपी-सीआरपी महासंघ के तत्वावधान में 26 अक्तूबर को रांची के विभिन्न इलाकों में भिक्षाटन किया जायेगा.
रांची. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के बाद अब झारखंड शिक्षा परियोजना कर्मचारियों ने भी हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की है. झारखंड शिक्षा परियोजना कर्मी संघ की मंगलवार को झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक से वार्ता हुई. कर्मचारियों ने वार्ता में काम पर लौटने पर सहमति जतायी. संघ द्वारा हड़ताल समाप्त करने की घोषणा के बाद परियोजना ने कर्मचारियों पर की गयी कार्रवाई तत्काल स्थगित रखने का निर्णय लिया गया है.
इस संबंध में झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र भेज दिया गया है. बुधवार को परियोजना कर्मी अपने-अपने जिला में योगदान देंगे. हड़ताल से लौटने के बाद सरकार अब उनकी मांगों पर विचार करेगी. उल्लेखनीय है कि झारखंड शिक्षा परियोजना के कर्मचारी 14 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे. कर्मचारी छठा वेतनमान व ग्रुप बीमा देने की मांग कर रहे थे.
निदेशक ने पारा शिक्षकों से की अपील : झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक मुकेश कुमार ने कहा है कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की शिक्षिका व कर्मचारी के बाद अब झारखंड शिक्षा परियोजना के कर्मी ने भी हड़ताल समाप्त कर दी है. बीआरपी-सीआरपी से भी बात चल रही है. उनके साथ भी कई बिंदुओं पर सहमति बन गयी है. उन्होंने हड़ताली पारा शिक्षकों से भी काम पर लौटने की अपील की है. निदेशक ने कहा है कि सरकार पारा शिक्षकों की मांगों के प्रति गंभीर है. उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों में काफी संख्या में हड़ताली पारा शिक्षक काम पर लौट चुके हैं. जो शिक्षक काम पर नहीं लौटे हैं, उनके खिलाफ अब कार्रवाई की जायेगी.
बीआरपी-सीआरपी से चल रही बात: हड़ताली बीआरपी-सीआरपी की भी सरकार से वार्ता चल रही है. बीआरपी-सीआरपी महासंघ की सोमवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव से वार्ता हुई थी. वार्ता में कई बिंदुओं पर सहमति बनी थी. कर्मचारी अब आगे झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक के साथ बात करेंगे. निदेशक के साथ सहमति बनने के बाद बीआरपी-सीआरपी भी हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर सकते हैं.
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