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हर विषय को मार्केटिंग के नजरिये से देखती है सरकार
राष्ट्रीय ईसाई महासंघ का तीसरा प्रदेश सम्मेलन संपन्न, कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा रांची : पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि राज्य के मसीही समुदाय को सीएम की भाषा दुरुस्त करने के लिए आगे आना होगा़ उन्होंने गलत तरीके से धर्मांतरण पर बयान दिया है़ सरकारी पदाधिकारी भी चाटुकारिता की हद पार […]
राष्ट्रीय ईसाई महासंघ का तीसरा प्रदेश सम्मेलन संपन्न, कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा
रांची : पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि राज्य के मसीही समुदाय को सीएम की भाषा दुरुस्त करने के लिए आगे आना होगा़ उन्होंने गलत तरीके से धर्मांतरण पर बयान दिया है़ सरकारी पदाधिकारी भी चाटुकारिता की हद पार कर धर्म परिवर्तन पर बयान दे रहे हैं. सारा खेल चुनाव के लिए फंड देने वाले अडानी को दुमका में जमीन मुहैया कराने के लिए है़ यह सरकार हर विषय को मार्केटिंग के नजरिये से देखती है़ श्री सहाय रविवार को एक्सआइएसएस सभागार में आयोजित राष्ट्रीय ईसाई महासंघ के तीसरे प्रदेश सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे़
जमीन से जुड़ी होती है सभ्यता व संस्कृति : श्री सहाय ने कहा कि आज झारखंड की स्थिति देख दुख होता है़ हक व अधिकार की लड़ाई की रैली में शामिल होने जा रहे लोगों को गोली मारी जाती है़ विगत 55 दिनों में तीन गोलीकांड हो गये, पर मुख्यमंत्री के चेहरे पर शिकन तक नही़ झारखंड में कई सरकारें रहीं, पर किसी ने सीएनटी या एसपीटी एक्ट में संशोधन करने की नहीं सोची़ रघुवर दास इस विषय पर बिना बहस कराये अध्यादेश ले आयी. सभ्यता व संस्कृति जमीन से जुड़ी होती है़ यह सरकार विकास के नाम पर इसे नष्ट करना चाहती है़ इसके खिलाफ माहौल तैयार हाे रहा है़ विपक्ष भी एकजुट है़
इस मौके पर स्मारिका का भी विमोचन किया गया़
सिक्किम से आये ग्राम प्रधान विमल लामीछामी ने कहाकि झारखंड के ईसाइयों को राजनीति में आने की जरूरत है़ कलीसिया को एक मंच पर आना होगा़ मौके पर ऑल चर्चेज कमेटी युवा संघ के अध्यक्ष कुलदीप तिर्की, बिशप जोलेन मार्शल टोपनो, महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपक तिर्की, विनय केरकेट्टा, विमल जॉन खेस, प्रभाकर तिर्की, ग्रेस कुजूर, डॉ असरीता कुजूर, डॉ क्रिस्टी अब्राहम, आॅल्विन लकड़ा, विनय केरकेट्टा, सुजीत कुजूर, अनूप तिग्गा, आनंद प्रधान आदि मौजूद थे़
वैमनस्यता फैलाने वालों पर कार्रवाई की मांग : इस मौके पर सरकार से मांग की गयी कि आदिवासियों के बीच धार्मिक वैमनस्यता फैला कर क्षेत्र को अशांत करने वालों पर कार्रवाई की जाये़ महिलाओं के पलायन व मानव तस्करी रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाये जाये़ं बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी शराबबंदी लागू हो और आदिवसियों के संवैधानिक अधिकार (पांचवीं अनुसूची, सीएनटी-एसपीटी एक्ट व अन्य कानून) का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये़
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