उन्होंने कहा कि हमें हर भाषा-संस्कृति को समझना चाहिए, लेकिन अपनी मातृभाषा को नहीं भूलना चाहिए. अपनी भाषा व लिपि काे व्यवहार में लाना भी हमारा पहला दायित्व होना चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि हमें बेटा-बेटी पर फर्क नहीं करना चाहिए.
दोनों को शिक्षित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आदिवासी धार्मिक स्थल जाहेरथान की चहारदीवारी कर सुरक्षित करने की जरूरत है. कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने साहित्यकारों को सम्मानित किया. इस अवसर पर टाटा स्टील के अनिल उरांव, रवींद्रनाथ मुरमू, सांसद विद्युत वरण महतो, विकास मुखर्जी, जदूमनी बेसरा, गंगाधर हांसदा, सूर्यसिंह बेसरा, मंगल माझी आदि मौजूद थे.