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शहीद रोहित श्रीवास्तव व हीरा झा को दी श्रद्धांजलि

रांची: मोरहाबादी स्थित शहीद स्मृति सभागार में शुक्रवार को पुलिस स्मरण दिवस का आयोजन हुआ. रांची विश्वविद्यालय एनएसएस अौर रांची कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में झारखंड के शहीद रोहित कुमार श्रीवास्तव (जयप्रकाश नगर बरियातू) अौर हीरा झा (धनबाद) को श्रद्धांजलि दी गयी. मौके पर मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो […]

रांची: मोरहाबादी स्थित शहीद स्मृति सभागार में शुक्रवार को पुलिस स्मरण दिवस का आयोजन हुआ. रांची विश्वविद्यालय एनएसएस अौर रांची कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में झारखंड के शहीद रोहित कुमार श्रीवास्तव (जयप्रकाश नगर बरियातू) अौर हीरा झा (धनबाद) को श्रद्धांजलि दी गयी. मौके पर मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रमेश पांडेय ने कहा कि रांची विवि के इतिहास में यह पहला कार्यक्रम है, जिसमें शहीदों को याद कर रहे हैं. आज देश की जो परिस्थिति है, उसमें देश के अंदर अौर बाहर दोनों अोर से खतरा है. रांची विश्वविद्यालय में सुरक्षा बलों के परिजनों के लिए नामांकन में खास ध्यान रखा जायेगा.
विशिष्ट अतिथि सीआरपीएफ के कमांडेट नीरज पांडे ने कहा कि समाज को जितनी जरूरत डॉक्टर, इंजीनियर या मैनेजमेंट प्रोफेशनल की होती है, उतनी ही सेना, पुलिस या अर्द्धसैनिक बलों की भी है. विद्यार्थी सिर्फ पैकेज के बारे में न सोचे, वे आर्मी में भी जाने के लिए तैयार रहें. कोई भी शहीद अपने पीछे सिर्फ दो चीजें छोड़ जाता है. एक अपना नाम अौर दूसरा अपना परिवार. देश/समाज के लोगों को शहीदों के परिवार को सम्मान देना चाहिए. कार्यक्रम में रांची कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ एनडी गोस्वामी, विश्वविद्यालय के डॉ एसी गुप्ता, शहीद रोहित के छोटे भाई लेफ्टिनेंट कर्नल अमित श्रीवास्तव, उनके पिता जेके श्रीवास्तव, मां शीला श्रीवास्तव व लेफ्टिनेंट कर्नल अमित श्रीवास्तव की पत्नी अंतरा श्रीवास्तव उपस्थित थे. सभी को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया.
भाई की मौत का बदला लिया: अमित श्रीवास्तव
सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट रोहित श्रीवास्तव सात फरवरी 1996 में असम में उग्रवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गये थे. उनके छोटे भाई लेफ्टिनेंट कर्नल अमित श्रीवास्तव ने बताया कि भाई का शव लेने के समय उनकी मौत का बदला लेने की कसम खायी थी. अक्तूबर 2006 में असम के उसी इलाके में उनकी रेजीमेंट की तैनाती थी. जिस उग्रवादी संगठन के लोगों ने उनके भाई को मारा था, उसके छह उग्रवादियों को मार गिराया.

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