रांची: अडानी के गोड्डा में प्रस्तावित 1600 मेगावाट के पावर प्लांट के लिए सेकेंड स्टेज एमओयू दीवाली के बाद होगा. वहीं, उद्योग विभाग के साथ भी 50 हजार करोड़ के निवेश के लिए दूसरे चरण का करार दीवाली के बाद करने की योजना है. एक करार ऊर्जा विभाग के साथ होगा व दूसरा करार उद्योग […]
रांची: अडानी के गोड्डा में प्रस्तावित 1600 मेगावाट के पावर प्लांट के लिए सेकेंड स्टेज एमओयू दीवाली के बाद होगा. वहीं, उद्योग विभाग के साथ भी 50 हजार करोड़ के निवेश के लिए दूसरे चरण का करार दीवाली के बाद करने की योजना है. एक करार ऊर्जा विभाग के साथ होगा व दूसरा करार उद्योग विभाग के साथ होना है. दोनों ही विभाग में इसकी तैयारी चल रही है. अडानी द्वारा दोनों विभाग में सेकेंड स्टेज एमओयू के लिए आवेदन दिया जा चुका है. गौरतलब है कि उद्योग विभाग के साथ किये गये पहले चरण के करार की अवधि 25 जून 2016 को समाप्त हो गयी है.
अडानी द्वारा 25 जून 2015 को 50 हजार करोड़ निवेश के लिए एमओयू किया गया था. कंपनी द्वार पहले चरण में 1.3 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता का यूरिया प्लांट लगाया जायेगा. चीन के बाद पहली बार भारत में कोयला से यूरिया बनाने की तकनीक पर काम होगा. इसके अलावा 3.3 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता का मेथनॉल प्लांट लगाया जायेगा, जहां कोयला से मिथेन गैस बनायी जायेगी. कंपनी द्वारा सब्सटीट्यूट नेचुरल गैस(एसएनजी) प्लांट भी लगाया जायेगा. इसके जरिये राज्य के प्रमुख शहरों में पाइपलाइन के जरिये घरेलू गैस की आपूर्ति की जायेगी, जो सुरक्षित और सस्ती होगी. कंपनी 4000 मेगावाट का पावर प्लांट भी लगायेगी. कंपनी द्वारा इसके लिए प्रतिवर्ष एक लाख टन कोयले की जरूरत बतायी गयी है.
इस कोयले की उपलब्धता पर सरकार अभी विचार कर रही है. कहा जा रहा है कि सीसीएल या जेएसएमडीसी से कोयला उपलब्ध कराया जायेगा. पावर प्लांट के लिए सरकार ने बीच का रास्ता निकाला है. कंपनी ने पहले पर्यावरण सेस में छूट की मांग की थी. जिसमें कहा गया था कि पूर्व में कोल लिंकेज के साथ पावर प्लांट स्थापित होते थे, जबकि अब कोयले की व्यवस्था कंपनी को खुद करनी पड़ती है.
बाद में तय हुआ कि यदि राज्य सरकार रियायती दर पर कोयला उपलब्ध कराये, तो वह पर्यावरण सेस और वेरिएबल कॉस्ट पर बिजली देगी. नहीं तो 25 फीसदी बिजली फिक्सड रेट पर लेनी होगी. सरकार के कैबिनेट में तय हुआ कि जिन कंपनियों को राज्य से रियायती दर पर कोयला नहीं मिलेगा, वह वेरिएबल दर पर राज्य को बिजली देने के लिए बाध्य नहीं होगा. इसके साथ ही अडानी दूसरे चरण के एमओयू करने के लिए तैयार हो गया है. गोड्डा में 1600 मेगावाट का पावर प्लांट लगाया जाना है, जिसकी बिजली बांग्लादेश को आपूर्ति की जायेगी, वहीं 400 मेगावाट बिजली झारखंड को दी जायेगी.