रांची की यातायात पुलिस द्वारा चलाये जा रहे सख्त जांच अभियान से मुख्यमंत्री रघुवर दास काफी खुश हैं. वे शुक्रवार को उस टीम से मिले, जिसके नेतृत्व में यह जांच अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों से कहा : इस अभियान में यदि मेरा बेटा भी यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाये तो उसे छोड़े नहीं. उससे भी जुर्माना लिया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री का यह वक्तव्य यातायात पुलिस के अधिकारियों का हौसला बढ़ाने वाला था.
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिलने पहुंचे अधिकारियों में एसएसपी कुलदीप द्विवेदी, ट्रैफिक एसपी संजय रंजन सिंह, ट्रैफिक डीएसपी राधा प्रेम किशोर और दिलीप खलखो शामिल थे. मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि यातायात नियमों का पालन नहीं करने वाले के खिलाफ यह अभियान जारी रहना चाहिए. अभियान के दौरान यदि कोई भी पकड़ा जाता है, तो उसके पक्ष में किसी की पैरवी नहीं सुननी चाहिए. हालांकि, यह ध्यान रखें कि इस दौरान यातायात पुलिस लोगों के साथ दुर्व्यवहार न करे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन अनमोल होता है. धन-दौलत भी इससे बढ़ कर नहीं है, लेकिन ज्यादातर लोग यह समझ नहीं पाते हैं. वे बिना हेलमेट लगाये और सीट बेल्ट बांधे ही वाहन चलाते हैं. इससे दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें जानें चली जाती हैं. राजधानी की यातायात पुलिस बेहतर प्रयास कर रही है. यह अभियान लगातार चलता रहना चाहिए. लोगों को इस बात का एहसास होना चाहिए कि वाहन चलाते समय हेलमेट लगाना और सीट बेल्ट बांधना बहुत जरूरी है. आखिरकार उनकी अपनी सुरक्षा से ही उनका परिवार खुशहाल रहेगा.
अपने विभाग के भी कर्मचारी को नहीं बख्शा ट्रैफिक डीएसपी ने
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से राजधानी में यातायात पुलिस द्वारा बड़े पैमाने पर जांच अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान यातायात पुलिस ने आम लोगों के अलावा, पत्रकारों, अधिवक्ताओं और पुलिसकर्मियों तक से नियमों के उल्लंघन के एवज में जुर्माना वसूल किया है. ट्रैफिक डीएसपी ने तो अभियान के पहले ही दिन अपने ही विभाग के सिपाही को निलंबित कर दिया था, क्योंकि उसने बाइक चलाते वक्त हेलमेट नहीं पहना था. अभियान के दौरान इस तरह की सख्ती से मुख्यमंत्री काफी प्रभावित थे और इसलिए उन्होंने पूरी टीम से मिलने की इच्छा जतायी थी. मुलाकात के दौरान एसएसपी और ट्रैफिक एसपी ने मुख्यमंत्री को अभियान की पूरी जानकारी दी.