इसके अलावा बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि नक्सल घटना की तरह ही विधि-व्यवस्था ड्यूटी में घायल होने पर पुलिसकर्मियों का इलाज मेडिका व अन्य अस्पतालों में कैशलेस होगा. इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी. पुलिस मुख्यालय जल्द ही इसका प्रस्ताव सरकार को भेजेगा. सरकार की मंजूरी के बाद यह व्यवस्था लागू होगी.
बैठक के बाद पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी प्रेस बयान के मुताबिक बीमार पुलिसकर्मियों को चिकित्सा सहायता देने के 154 लंबित मामलों का निपटारा किया गया. झारखंड पुलिस शिक्षा कोष से राशि लेने के लिए 1249 पुलिसकर्मियों ने आवेदन दिये थे. सभी के आश्रित को शिक्षा के लिए राशि देने का फैसला लिया गया. मृत पुलिसकर्मियों को आश्रितों को आर्थिक लाभ देने के लिए परोपकारी कोष से 791 पुलिसकर्मियों के आश्रित को राशि देने का फैसला लिया गया. बैठक में यह तय किया गया कि सभी तरह के कोष में जमा राशि में से 75 प्रतिशत राशि ही खर्च की जायेगी. शेष 25 प्रतिशत राशि भविष्य के लिए जमा रखी जायेगी. बैठक में एडीजी मुख्यालय, एडीजी सीआइडी, आइजी स्पेशल ब्रांच, आइजी कार्मिक, पुलिस एसोसिएशन और पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष व महामंत्री शामिल हुए.