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सत्ता से हमेशा टकराता है अच्छा लेखक : शुक्ल

रांची विवि में ‘साहित्य में युक्ति और मुक्ति’ विषयक व्याख्यान रांची : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के प्रोफेसर श्रीप्रकाश शुक्ल ने कहा कि साहित्य की मूल चेतना मुक्ति की चेतना होती है, जिसके अंतर्गत यह रूढ़ियों का प्रतिवाद करती है और नये मूल्य स्थापित करती है़ उसकी संवेदना व्यक्तिगत ही नहीं होती, बल्कि […]

रांची विवि में ‘साहित्य में युक्ति और मुक्ति’ विषयक व्याख्यान
रांची : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के प्रोफेसर श्रीप्रकाश शुक्ल ने कहा कि साहित्य की मूल चेतना मुक्ति की चेतना होती है, जिसके अंतर्गत यह रूढ़ियों का प्रतिवाद करती है और नये मूल्य स्थापित करती है़ उसकी संवेदना व्यक्तिगत ही नहीं होती, बल्कि वह समस्तिगत चेतना से भी जुड़ा होती है़ उन्होंने कहा कि अच्छा लेखक सत्ता से हमेशा टकराता है और इसी में वह मुक्ति की तलाश करता है़
श्रीप्रकाश गुरुवार को रांची विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में ‘साहित्य में युक्ति और मुक्ति’ विषय पर व्याख्यान दे रहे थे़ श्री शुक्ल ‘वर्तमान साहित्य का मलखान सिंह सिसोदिया पुरस्कार’ और उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान के ‘नरेश मेहता कविता पुरस्कार’ व ‘विजयदेव नारायण शाही कविता पुरस्कार’ से सम्मानित है़ं
श्री शुक्ल ने कहा कि अपनी मूल चेतना में साहित्य नवाचारी होकर नये से नये विषयों की तरफ उन्मुख होता है और अपनी मुक्ति के लिए पुराने विषय में भी नये सौंदर्य का उदघाटन करता है़ वह प्रेमचंद की इस स्थापना को प्रकट करता है कि साहित्य राजनीति के आगे चलने वाली मशाल है, जिसकी सबसे बड़ी ताकत उसके शब्द है़
और यह भी, कि साहित्यकार नियति के नियमों का सदा विरोध करता है और अपनी प्रतिभा के अलावा किसी अन्य की अधीनता स्वीकार नहीं करता़ इस मौके पर उन्होंने झारखंड के रचनाकार रणेंद्र, पंकज मित्र, विनोद कुमार व जसिंता केरकेट्टा की चर्चा की और नये रचनाकारों से कहा कि वे अपने भूगोल को ठीक से समझते हुए इतिहास में हस्तक्षेप करे़ं इससे पूर्व प्रो जंग बहादुर पांडेय ने अतिथियों का स्वागत किया. प्रो अरुण कुमार ने लेखक परिचय कराया़ कार्यक्रम में श्रीप्रकाश, प्रो ममता अग्रवाल आदि मौजूद थे.
अपनी मूल चेतना में साहित्य नवाचारी होकर नये से नये विषयों की तरफ उन्मुख होता है और अपनी मुक्ति के लिए पुराने विषय में भी नये सौंदर्य का उदघाटन करता है
श्री शुक्ल ‘वर्तमान साहित्य का मलखान सिंह सिसोदिया पुरस्कार’ और उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान के ‘नरेश मेहता कविता पुरस्कार’ व ‘विजयदेव नारायण शाही कविता पुरस्कार’ से सम्मानित है़ं

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