रांची. बांग्लादेश में हुए ब्लास्ट के बाद विवादों में आये धर्म गुरु जाकिर नायक के वीडियो और किताबों को जरिये इंडियन मुजाहिद्दीन (आइएम) युवकों को संगठन में काम करने के लिए तैयार करता था.
दरभंगा में आइएम के मॉड्यूल और वर्ष 2013 में गांधी मैदान (पटना) में सीरियल ब्लास्ट की घटना के बाद रांची मॉड्यूल में शामिल आइएम के आतंकियों के ठिकानों से जाकिर नायक के वीडियो और किताबें भी जब्त की गयी थीं. नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने आइएम के प्रमुख यासिन भटकल को गिरफ्तार किया था. भटकल की गिरफ्तारी के बाद एनआइए ने आइएम के दरभंगा मॉड्यूल को ध्वस्त किया था. एनआइए को इसकी जांच के दौरान ही पता चला था कि जाकिर की किताबें व वीडियो से आइएम आतंकी तैयार कर रहा है.
एनआइए की गिरफ्त में आये आतंकी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू ने बताया था कि जाकिर नायक ने दरभंगा के एक स्कूल में लाइब्रेरी खुलवायी थी. जिसमें से कोई भी आकर वीडियो व किताबें ले सकता था. तहसीन अख्तर उर्फ मोनू के बयान के बाद भी एनआइए ने जाकिर नायक के खिलाफ कार्रवाई शुरू नहीं की और जाकिर नायक को विदेशों से फंड आता रहा. उल्लेखनीय है कि आइएम जैसे आतंकी संगठन के लोग युवकों को संगठन में शामिल करने के लिए धार्मिक प्रवचन करने वालों की भाषणों का सहारा लेते हैं. पटना ब्लास्ट के बाद रांची से गिरफ्तार उज्जैर अहमद इन समारोहों में शामिल होता था.