कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि पहाड़ी के ऊपर विशाल तिरंगा झंडा फहराने से कहीं फ्लैग कोड अॉफ इंडिया-2002 का उल्लंघन तो नहीं किया जा रहा है. कोर्ट ने माैखिक रूप से कहा कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान अपराध की श्रेणी में आता है. प्राथमिकी भी दर्ज हो सकती है. जिन लोगों ने झंडे को छुआ है, उन सभी को प्रतिवादी बनाया जा सकता है. कोर्ट ने उपायुक्त को निर्देश दिया कि पहाड़ी मंदिर विकास समिति अौर विशेषज्ञों से सलाह मशविरा कर 25 अगस्त तक रिपोर्ट दाखिल की जाये. मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी.
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राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बरदाश्त नहीं : हाइकोर्ट
रांची: सुनवाई के दौरान रांची के उपायुक्त मनोज कुमार कोर्ट में सशरीर मौजूद थे. कोर्ट ने कहा कि फटा हुआ झंडा फहराने की कोर्ट इजाजत नहीं दे सकता है. तिरंगा फहराया गया है, तो हर हाल में उसका सम्मान करना होगा. यदि सम्मान नहीं कर सकते है, तो आज ही पुलिस ले जाकर सलामी देकर […]
रांची: सुनवाई के दौरान रांची के उपायुक्त मनोज कुमार कोर्ट में सशरीर मौजूद थे. कोर्ट ने कहा कि फटा हुआ झंडा फहराने की कोर्ट इजाजत नहीं दे सकता है. तिरंगा फहराया गया है, तो हर हाल में उसका सम्मान करना होगा. यदि सम्मान नहीं कर सकते है, तो आज ही पुलिस ले जाकर सलामी देकर उसे सम्मानपूर्वक उतार दें.
कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि पहाड़ी के ऊपर विशाल तिरंगा झंडा फहराने से कहीं फ्लैग कोड अॉफ इंडिया-2002 का उल्लंघन तो नहीं किया जा रहा है. कोर्ट ने माैखिक रूप से कहा कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान अपराध की श्रेणी में आता है. प्राथमिकी भी दर्ज हो सकती है. जिन लोगों ने झंडे को छुआ है, उन सभी को प्रतिवादी बनाया जा सकता है. कोर्ट ने उपायुक्त को निर्देश दिया कि पहाड़ी मंदिर विकास समिति अौर विशेषज्ञों से सलाह मशविरा कर 25 अगस्त तक रिपोर्ट दाखिल की जाये. मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी.
झंडा नहीं फटेगा, आश्वासन नहीं दे पाये उपायुक्त : कोर्ट ने उपायुक्त से पूछा, क्या रांची के माैसम को देखते हुए हर समय सम्मान पूर्वक झंडा फहराया जाना संभव है? इस पर उपायुक्त ने खंडपीठ को बताया कि माैसम की वजह से झंडा पर असर पड़ता है. जो तकनीक उपलब्ध है, उसका उपयोग किया जा रहा है. हालांकि, भविष्य में झंडा नहीं फटेगा, इसका आश्वासन देने में उपायुक्त ने असमर्थता जतायी. उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त, गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को अथवा अन्य महत्वपूर्ण मौकों पर झंडा फहराने की बात कही. इस पर खंडपीठ ने लिखित रूप से देने को कहा. इससे पहले उपायुक्त की अोर से अपर महाधिवक्ता एचके मेहता ने शपथ पत्र दायर किया. उपायुक्त ने शपथ पत्र में पूर्व में राष्ट्रीय ध्वज के फटने जाने पर बिना शर्त माफी मांगी.
तीन बार हुई मामले की सुनवाई : हाइकोर्ट में बुधवार को इस मामले की सुनवाई तीन बार हुई. खंडपीठ ने शाम लगभग 5.45 बजे तक मामले की सुनवाई की. पहले सत्र में एक बार और दूसरे सत्र में दो बार मामले की सुनवाई हुई. दूसरे सत्र में सुनवाई रोक कर खंडपीठ ने उपायुक्त मनोज कुमार को तुरंत बुलाने का निर्देश दिया. फोन कॉल पर उपायुक्त 5.15 बजे कोर्ट पहुंचे. कोर्ट द्वारा पूछे जा रहे सवालों का जवाब दिया.
कैलाश यादव ने दायर की थी याचिका : प्रार्थी कैलाश यादव के अधिवक्ता पीसी सिन्हा ने खंडपीठ को बताया कि पहाड़ी मंदिर परिसर में तिरंगा फहराया गया. मार्च में तिरंगा फट गया, जो कई दिनों तक उसी स्थिति में लहराता रहा, पर उसे उतारा नहीं गया. राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया. इसके लिए जो भी व्यक्ति व अधिकारी दोषी है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया.
इस बार दुबई से आया है तिरंगा : 15 अगस्त को 30 मीटर गुणा 20 मीटर लंबा नया तिरंगा झंडा फहराया गया है. यह दुबई से बन कर आया है. दो तैयार झंडाें स्टॉक में उपलब्ध है. माैसम अथवा हवा के तेज बहाव के दवाब को देखते हुए इस बार झंडा तैयार किया गया है. ग्राउंड लेबल से झंडे की लंबाई लगभग 500 फीट है.
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