रांची: धनबाद के चर्चित राजगंज थाना कांड से जुड़े नफीस ने अपने बयान में यह कहा था कि पकड़े जाने की स्थिति में पुलिस को धक्का मार कर भागने का निर्देश ट्रक मालिक ने दे रखा था. अभियुक्त का स्वीकारोक्ति बयान इंस्पेक्टर उमेश कच्छप ने दर्ज किया था. गोलीकांड और इंस्पेक्टर की मौत की जांच […]
रांची: धनबाद के चर्चित राजगंज थाना कांड से जुड़े नफीस ने अपने बयान में यह कहा था कि पकड़े जाने की स्थिति में पुलिस को धक्का मार कर भागने का निर्देश ट्रक मालिक ने दे रखा था.
अभियुक्त का स्वीकारोक्ति बयान इंस्पेक्टर उमेश कच्छप ने दर्ज किया था. गोलीकांड और इंस्पेक्टर की मौत की जांच में इंस्पेक्टर पर भारी दबाव होने और उनके घटनास्थल पर नहीं होने का उल्लेख होने की वजह से इस स्वीकारोक्ति बयान को संदेह की नजर से देखा जा रहा है. धनबाद के राजगंज थाना क्षेत्र में 14 जून की रात जीटी रोड पर ट्रक चालक मो नाजिर को गोली मारने की घटना के दौरान पुलिस ने उसके दो सहयोगी मो जाकिर व नफीस को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने दोनों को जेल भेजने से पहले स्वीकारोक्ति बयान दर्ज किया था. इस घटना के बाद इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की मौत हो गयी. फिर सरकार ने दो सदस्यीय जांच टीम बनायी.
टीम की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस द्वारा तैयार स्वीकारोक्ति बयान की सच्चाई पर सवाल उठने लगा है. जांच रिपोर्ट में आये तथ्य सही हैं, तो साफ है कि पुलिस अफसरों द्वारा दर्ज किया गया स्वीकारोक्ति बयान झूठ का पुलिंदा है. संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि पुलिस ने खुद स्वीकारोक्ति बयान लिख कर उस पर जाकिर के अंगूठे का निशान लगवा लिया और नफीस से हस्ताक्षर करा लिये. बयान के मुताबिक मो नफीस ने स्वीकारोक्ति बयान में लिखा है कि वह हमेशा चमड़ा लदा ट्रक लेकर कोलकाता जाता था. हापुड़ से कोलकाता जाने के लिए 80-85 हजार रुपये भाड़ा मिलता था.
इसमें से उसे हर ट्रीप पांच हजार रुपये मिलते थे. ट्रक मालिक ने उन तीनों को आदेश दिया था कि रास्ते में अगर पुलिस द्वारा गाड़ी रोकी जाती है या पकड़ने की कोशिश की जाती है, तो पुलिस की गाड़ी को धक्का मारते हुए तथा पुलिस पर चढ़ा कर भाग जाना है.
पिस्तौल छीनने के बाद लगी चालक को गोली
मो नफीस के स्वीकारोक्ति बयान के मुताबिक पुलिस ने उसे पकड़ लिया था, साथ ही उसके पास मौजूद हथियार को पुलिस ने कब्जे में कर लिया था. इसके बाद साथी चालक मो नाजिर एक पुलिस वाले के साथ हाथापाई करने लगा, तभी गोली चलने की आवाज सुनाई दी. गोली नाजिर के सिर में लगी. उल्लेखनीय है कि प्राथमिकी के मुताबिक ट्रक पर मौजूद तीनों मो नाजिर, मो जाकिर और मो नफीस अलग-अलग भाग रहे थे और उनमें से एक गोली चला रहा था, पर पुलिस की गोली नाजिर को लगी. इसके पास हथियार ही नहीं था. जो अभियुक्त पुलिस पर गोली चला रहा था, उसे पुलिस ने कुछ नहीं किया.