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विकास की लकीर खींची, पर नहीं रहा विवादों से दूर

झारखंड खादी ग्रामोद्योग बोर्ड. 17 दिसंबर 2004 को हुई थी स्थापना झारखंड खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की स्थापना के लगभग बारह वर्ष पूरे हो चुके हैं. पूरे बारह वर्ष जयनंदू बोर्ड के अध्यक्ष रहे़ जून 2016 में उनकी जगह संजय सेठ को लाया गया़ अब जयनंदू के कार्यकाल पर उंगलियां उठ रही है़ सरकार ने बोर्ड […]

झारखंड खादी ग्रामोद्योग बोर्ड. 17 दिसंबर 2004 को हुई थी स्थापना
झारखंड खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की स्थापना के लगभग बारह वर्ष पूरे हो चुके हैं. पूरे बारह वर्ष जयनंदू बोर्ड के अध्यक्ष रहे़ जून 2016 में उनकी जगह संजय सेठ को लाया गया़ अब जयनंदू के कार्यकाल पर उंगलियां उठ रही है़ सरकार ने बोर्ड के स्पेशल ऑडिट का आदेश दिया है़ मामला विधानसभा में भी उठा़ बोर्ड को मिले अनुदान के खर्च पर सवाल उठ रहे है़
झारखंड में खादी बोर्ड भी अब विवादों में घिर गया है़ हालांकि इस बोर्ड के साथ उपलब्धियां भी जुड़ी है़ं 31 अगस्त 2014 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल ने झारखंड राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ खादी बोर्ड का पुरस्कार प्रदान किया. इसके अलावा 22 नवंबर 2010 को झारखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य खादी बोर्ड को सम्मानित किया गया.
प्रवीण मुंडा
रांची : झारखंड राज्य खादी बोर्ड की स्थापना 17 दिसंबर 2004 को हुई थी. यह देश के 33 वें खादी बोर्ड के रूप में अस्तित्व में आया था. जब बोर्ड का गठन हुआ था, तब खादी ग्रामोद्योग की स्थिति काफी खराब थी. पूरे राज्य में महज एक दो ही खादी केंद्र थे. वहां भी उत्पादन न के बराबर था.
खादी उत्पादों अौर इससे जुड़े लघु उद्यम को बढ़ावा के लिए राज्य खादी बोर्ड की स्थापना की गयी थी. केंद्र सरकार ने ग्रामीण अौर शहरी क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पूर्व में आरइजीपी एवं वर्तमान में पीएमईजीपी योजना की शुरुआत की थी. इन योजनाअों का क्रियान्वयन राज्य खादी बोर्ड के द्वारा किया जा रहा है. पूर्व अध्यक्ष जयनंदू की मानें, तो खादी अौर ग्रामोद्योग से संबंधित 2100 यूनिटों की स्थापना की जा चुकी है. इन यूनिटों के जरिये लगभग 33 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है. रांची, डाल्टनगंज, देवघर, हजारीबाग, चाईबासा अौर धनबाद में झारखंड राज्य खादी बोर्ड के जिला कार्यालय काम कर रहे हैं.
बोर्ड का बना भव्य कार्यालय : 27 मई 2016 को बोर्ड का नया कार्यालय रातू रोड में बना है. नये बोर्ड कार्यालय में गोदाम, प्रशिक्षण केंद्र अौर संग्रहालय हैं. पूरा कार्यालय 21000 स्क्वायर फुट में है. इसमें सात हजार स्क्वायर फुट में गोदाम अौर सेल काउंटर है. लगभग पांच हजार स्क्वायर फुट क्षेत्र में गांधी संग्रहालय है. इसके अलावा चार हजार स्क्वायर फुट क्षेत्र रेडीमेड गारमेंट के उत्पादन व प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
यहां पर रेडीमेड गारमेंट के सेक्शन में लगभग 37 महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं. यहां पर महिलाएं खादी के शर्ट, लेडीज कुर्ती, कुर्ता पायजामा, टी शर्ट, गांधी टोपी, सलवार सूट आदि बनाने अौर पैकेजिंग करने का काम किया जा रहा है. यहां पर केरल से आये प्रशिक्षकों के द्वारा महिलाअों को कपड़े की डिजाइनिंग, सिलाई अौर बाकी जानकारी दी गयी. गांधी संग्रहालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म से लेकर मृत्यु तक की तसवीरें हैं. यहां पर गांधी के बचपन, उनकी युवावस्था, दक्षिण अफ्रीका प्रवास, स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित तसवीरें हैं. इन तसवीरों के साथ संक्षिप्त जानकारी भी है.
यह संग्रहालय विद्यार्थियों, शोधार्थियों व इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए काफी उपयोगी है.
गठन के बाद से अभी तक बोर्ड के दो अध्यक्ष : पूर्व अध्यक्ष जयनंदू ने स्थापना से लेकर जून 2016 तक कार्यभार संभाला था. नये अध्यक्ष संजय सेठ ने एक जुलाई 2016 को पदभार ग्रहण किया है.
2100 यूनिट बनीं, 33 हजार को रोजगार
काम जो है लंबित
बोर्ड में अभी भी पूरे सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई है. अध्यक्ष अौर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सहित 11 सदस्य होना चाहिए. इसके अलावा 21 सदस्यीय सलाहकार परिषद भी होना चाहिए.
बोर्ड में कर्मचारियों की कमी है. फिलहाल बोर्ड में सात स्थायी अौर लगभग 30 कर्मचारी अनुबंध पर कार्यरत हैं.
अध्यक्ष संजय सेठ से बातचीत
बोर्ड की वर्तमान स्थिति कैसी है?
मैंने इसी एक जुलाई को पदभार ग्रहण किया है. फिलहाल चीजों को देख रहा हूं. अभी जल्दबाजी में कुछ नहीं कहना चाहता.
आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं?
राज्य में खादी के ज्यादातर बिक्री केंद्र बंद थे. उन्हें फिर से शुरू किया है. 31 जुलाई को हजारीबाग अौर झुमरीतिलैया में खादी के आधुनिक आउटलेट खुलेंगे. रांची में भी आउटलेट खोलना है.
इसके अलावा आमदा अौर राजनगर में खादी पार्क खोलना है. इन खादी पार्क को प्रशिक्षण व उत्पादन केंद्र अौर संग्रहालय के रूप में विकसित किया जायेगा. राज्य के सभी जिलों में प्रशिक्षण अौर बिक्री केंद्र खोलने का प्रयास होगा. खादी अौर ग्रामोद्योग को बढ़ाने के लिए मेरा फोकस ग्रामीण क्षेत्रों की अोर होगा.

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