Advertisement
15 हजार शिक्षकों को आदेश के बाद भी नहीं मिली प्रोन्नति
रांची: राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के 15 हजार शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिली है. प्रोन्नति नहीं देने के मामले को लेकर शिक्षकों ने हाइकाेर्ट में मुकदमा किया था. झारखंड हाइकोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला दिया. इसके बाद सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की. सुप्रीम कोर्ट ने भी […]
रांची: राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के 15 हजार शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिली है. प्रोन्नति नहीं देने के मामले को लेकर शिक्षकों ने हाइकाेर्ट में मुकदमा किया था. झारखंड हाइकोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला दिया. इसके बाद सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की. सुप्रीम कोर्ट ने भी वर्ष 2013 में शिक्षकों के पक्ष में फैसला दिया. वर्ष 2015 में राज्य सरकार ने भी शिक्षकों की प्रोन्नति को स्वीकृति दे दी.
प्रोन्नति देने के प्रस्ताव को कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को जल्द-से-जल्द शिक्षकों को प्रोन्नति देने को कहा गया. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने इस वर्ष जनवरी में सभी जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक को इस आशय का पत्र भेज दिया था. इसके बाद भी शिक्षकों को अब तक प्रावधान के अनुरूप प्रोन्नति नहीं दी गयी. अब तक रांची, सरायकेला, पश्चिमी सिंहभूम, चतरा, गढ़वा व पलामू में शिक्षकों को ग्रेड-वन से ग्रेड-टू में प्रोन्नति दी गयी है. इन जिलों में भी शिक्षकों को स्नातक प्रशिक्षत पद पर व प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति नहीं दी गयी है. 18 जिलों में ग्रेड-वन से ग्रेड-टू, स्नातक प्रशिक्षित व प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति का मामला लंबित है. 20 वर्ष से कार्यरत शिक्षकों को अब तक प्रोन्नति नहीं मिली है.
स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक के 5560 पद रिक्त
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुरूप प्रत्येक मध्य विद्यालय में स्नातक प्रशिक्षित तीन शिक्षक की नियुक्ति अनिवार्य है. स्नातक प्रशिक्षित कुल पद के 50 फीसदी पद पर सीधी नियुक्ति होना है, जबकि 50 फीसदी पद पूर्व से कार्यरत शिक्षकों की प्रोन्नति से भरा जाना है. वर्ष 2014 में 7926 स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के पद स्वीकृत किये गये थे. इनमें से आधे पदों (3963)को प्रोन्नति से भरा जाना है, जबकि 2697 पद पूर्व से उपलब्ध है. इस प्रकार राज्य के मध्य विद्यालयों में स्नातक प्रशिक्षित 6660 पद उपलब्ध है, लेकिन इन पदों के विरूद्ध कार्यरत शिक्षकों की संख्या मात्र लगभग 1100 है. इस प्रकार स्नातक प्रशिक्षित के लगभग 83 प्रतिशत पद रिक्त है.
क्या कहता शिक्षक संघ
झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव योगेंद्र तिवारी ने कहा है कि सरकार एक ओर गुणवत्ता युक्त शिक्षा की बात करती है. वहीं दूसरी ओर शिक्षकों को नियमित प्रोन्नति भी नहीं दे रही है. सरकार के निर्देश के बाद भी कई जिलों शिक्षकों को प्रोन्नति देने की प्रक्रिया तक शुरू नहीं हुई. अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट व सरकार के आदेश के बाद भी शिक्षकों को प्रोन्नति के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है.
विभाग शिक्षकों की प्रोन्नति कार्य की समीक्षा करें. तय समय के अंदर शिक्षकों को प्रोन्नति देना सुनिश्चित किया जाये.
प्रधानाध्यापक के 3097 पद में से 230 कार्यरत
राज्य के मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के 3097 पद हैं, जबकि राज्य भर में मात्र 230 विद्यालय में भी स्थायी प्रधानाध्यापक हैं. प्रधानाध्यापक के नहीं होने से विद्यालय का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. दिसंबर 2015 में राज्य कैबिनेट से पारित प्रस्ताव के अनुसार शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से ग्रेड-वन में वरीयता निर्धारित कर अग्रतर ग्रेडों में प्रोन्नति देना है. विभागीय निर्देश के अनुरूप संकल्प जारी होने के एक माह बाद ही शिक्षकों को प्रोन्नति दे देना था, पर आज आठ माह बाद भी शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिली.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement