18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा, एसएचजी को एजेंट के रूप में करें प्रमोट

रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि एसएचजी (स्वयं सहायता समूह) की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रमंडलवार कार्य योजना बनायें तथा आजीविका के साथ-साथ उनका सामाजिक दायित्व तय करें. उन्होंने कहा कि डोभा में किसी तरह की दुर्घटना न हो, इसके लिए जागरूकता अभियान चलायें. डोभा में गिर कर बच्चों के मरने की […]

रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि एसएचजी (स्वयं सहायता समूह) की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रमंडलवार कार्य योजना बनायें तथा आजीविका के साथ-साथ उनका सामाजिक दायित्व तय करें. उन्होंने कहा कि डोभा में किसी तरह की दुर्घटना न हो, इसके लिए जागरूकता अभियान चलायें. डोभा में गिर कर बच्चों के मरने की घटनाअों पर उन्होंने यह निर्देश दिया. मुख्य सचिव ने गुरुवार को ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा कर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उपायुक्तों व डीडीसी को निर्देश दिया. उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूह व स्वयं सहायता समूह को एजेंट के रूप में प्रोमोट करने को कहा है.
उन्होंने कहा कि एसएचजी को कैटेगराइज्ड किया जाये तथा सोशल, फाइनेंशियल, हेल्थ, न्यूट्रिशियन एवं शिक्षा के क्षेत्र में उनके कार्यों का मूल्यांकन कर उनका पारामीटर तय करें. इस मौके पर विभाग द्वारा जानकारी दी गयी कि अब तक 11 हजार महिला स्वयं सहायता समूह को ऋण दिया गया है. 31612 महिला स्वयं सहायता समूह की प्रोफाइलिंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका है. साथ ही महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के तहत 24495 परिवारों को आच्छादित किया गया है, जिसमें 8365 परिवार ने लाह कृषि व्यवसाय आजीविका के लिए अपनाया है.
समीक्षा के क्रम में मुख्य सचिव ने ग्रामीण कार्य विभाग से पूछा कि ग्रामीण सड़कों का निर्माण किस स्तर का हो रहा है तथा काम की क्या रफ्तार है. विभाग इसकी समीक्षा करे.उन्होंने सभी जिलों में ग्रामीण सड़क के निर्माण कार्य की प्रोफाइलिंग करने का भी निर्देश दिया. साथ ही कहा कि टेंडर प्रक्रिया 30 दिनों में पूर्ण हो, इसके लिए विशेष नीति तैयार करें, ताकि ग्रामीण योजनाओं को ससमय पूरा किया जा सके. विभाग द्वारा जानकारी दी गयी कि वर्तमान में 6000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जा रहा है तथा वित्तीय वर्ष 2016–17 में भारत सरकार और राज्य सरकार से प्राप्त बजट 2000 करोड़ खर्च करना है.
मुख्य सचिव ने मनरेगा की समीक्षा करते हुए कहा कि मनरेगा कार्यों की दैनिक समीक्षा के लिए पीएमयू का गठन करें. उन्होंने कहा कि जिलावार मनरेगा के कार्यों की रैंकिंग के लिए विभाग पारामीटर तय करे. मनरेगा मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा बैंकों के साथ टैग किया जाये. विभाग ने बताया कि 2016–17 में अब तक 6.75 लाख मनरेगा मजदूरों के खाते खोले गये हैं तथा 18 लाख सक्रिय मजदूरों की संख्या बढ़ कर 27.30 लाख हुई है.
21 रोजगार सेवकों की सेवा समाप्त : विभाग ने बताया कि 50 से कम रोजगार का सृजन करने वाले रोजगार सेवकों पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने 21 रोजगार सेवकों की सेवा समाप्त कर दी है. 521 रोजगार सेवकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. 666 नये रोजगार सेवकों की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है. साथ ही 1687 पंचायत सचिवों की नियुक्ति भी प्रक्रिया में है. वहीं 14वें वित्त आयोग से प्राप्त 451.98 करोड़ की राशि सभी पंचायतों को आवंटित कर दी गयी है. बैठक में प्रधान सचिव ग्रामीण विकास विभाग एन एन सिन्हा, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी, वंदना डाडेल, प्रवीण शंकर सहित मुख्य अभियंता व कई पदाधिकारी मौजूद थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें