सदर थाना की पुलिस ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से उसे गुरुवार की अहले सुबह बरामद कर परिजनों को सौंप दिया. पीयूष के बरामद होने के बाद सदर डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव और सदर थाना प्रभारी भोला प्रसाद उसके घर गये. पिता प्रमोद कुमार यादव और पीयूष से घटना के बारे में जानकारी ली.
पीयूष ने अपने पिता को बताया कि मैं एक गाड़ी में बैठा हुआ था. उसमें तीन-चार लोग थे. वे मुझे अपने साथ एग रोल और कुरकुरे खिलाने के नाम पर ले गये थे. गाड़ी में सवार लोगों ने मुझे खिलाया भी, लेकिन बाद में छोड़ दिया. उल्लेखनीय है कि पीयूष कुमार मेडिका के समीप रहनेवाले प्रमोद कुमार यादव का इकलौता पुत्र है. जब खेलने के बाद वह घर नहीं लौटा, तब उसके पिता आसपास उसकी तलाश करने लगे, लेकिन उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. फिर भी प्रमोद कुमार ने उसके लापता होने की जानकारी पुलिस को नहीं दी. उन्हें एक परिचित ने बताया कि खूंटी रोड में एक भगत है, वह बता सकते हैं कि आपका बेटा कहां है. बेटे को पाने के लिए प्रमोद कुमार अपने परिचित के साथ भगत के पास पहुंचे. रात करीब 10 बजे जब एक व्यक्ति ने उन्हें यह सलाह दी कि वह इस बात की सूचना पुलिस को दें, तब उन्होंने इसकी सूचना सदर डीएसपी और सदर थाना प्रभारी को दी.
सदर डीएसपी और सदर थाना प्रभारी ने तुरंत पीयूष का फोटो व्हाट्सएप पर सभी थाना प्रभारी और दूसरे लोगों के पास भेजा. वायरलेस से सभी पुलिस अफसरों को उसके लापता होने की जानकारी दी गयी. प्रमोद कुमार ने कहा कि अगर मैं भगत के चक्कर में रह जाता और पुलिस को इस बात की सूचना नहीं देता, तब मेरा बेटा नहीं मिल पाता. पुलिस की सक्रियता के कारण मेरा बेटा मिला. बेटा के मिलने की खुशी में उन्होंने घर में पूजा-पाठ भी करायी. प्रमोद कुमार ने बताया कि मेरा बेटा गाड़ियों का शौकीन है, इसलिए वह किसी भी गाड़ी में बैठ जाता है.