18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गंभीर मसला: विधानसभा की बननेवाली विशेष समितियों का हाल, एक ही मामले में दो-दो बार बनी विशेष कमेटी, नहीं हुई कार्रवाई

रांची: विधानसभा द्वारा बनने वाली विशेष समितियों की रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं होती. पिछले 15 वर्षों में 50 से ज्यादा विशेष समितियां गठित हुई हैं, लेकिन हालत यह है कि आधी से अधिक कमेटियों की रिपोर्ट ही नहीं आयी. जिनकी रिपोर्ट विधानसभा को मिली भी, उस पर सरकार के स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई. कई […]

रांची: विधानसभा द्वारा बनने वाली विशेष समितियों की रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं होती. पिछले 15 वर्षों में 50 से ज्यादा विशेष समितियां गठित हुई हैं, लेकिन हालत यह है कि आधी से अधिक कमेटियों की रिपोर्ट ही नहीं आयी. जिनकी रिपोर्ट विधानसभा को मिली भी, उस पर सरकार के स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई. कई ऐसे भी मामले हैं, जिनकी जांच या अध्ययन के लिए दो-दो विशेष कमेटियां बनायी गयीं, लेकिन हालात जस के तस रहे.
लाठीचार्ज की जांच के लिए बनी थी पहली समिति
राज्य गठन के बाद विधानसभा के सदस्यों को देय सुविधाओं के लिए बनी कमेटी को छोड़ दें, तो बिरसा चौक के पास माले कार्यकर्ताओं पर हुए लाठी चार्ज की जांच के लिए कमेटी बनी. 7 मार्च 2001 को पुलिस द्वारा किये गये लाठी चार्ज की जांच की घोषणा की गयी थी. इसके तुरंत बाद निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर कमेटी बनी. लेकिन, अलग राज्य का गठन हुए 15 वर्ष गुजर गये अौर अब तक निजी स्कूलों की मानमानी रोकने के लिए सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं हुई है.
सरकार को दायित्व लेना होगा : सरयू
विशेष कमेटियों की रिपोर्ट पर सरकार स्तर पर कार्रवाई नहीं होने से संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय भी क्षुब्ध हैं. वे कहते हैं कि संसदीय व्यवस्था को गंभीरता से लेने की जरूरत है. यह राज्य गठन के बाद से ही देखा जाता रहा है कि विधानसभा की कमेटियों की अनुशंसा पर कार्रवाई नहीं होती है. सरकार को दायित्व लेना होगा. अधिकारियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए. सरकार में बायें हाथ को नहीं पता रहता है कि दायां हाथ क्या कर रहा है. जवाबदेही सुनिश्चित होगी, तो कार्रवाई भी होगी.
बनी ये कमेटियां, लेकिन नहीं हुई कार्रवाई
सदन में चर्चा के बाद रिम्स की व्यवस्था सुधारने और सुलभ इलाज के लिए दो बार विशेष कमेटी बनी. पहली बार वर्ष 2007 और दूसरी बार 2015 में विशेष कमेटी बनायी गयी.
आदिवासी जमीन की लूट और एसएआर कोर्ट की भूमिका पर सदन में कई बार सवाल उठने के बाद पहली बार वर्ष 2002 में विशेष कमेटी बनी. अगले ही वर्ष 2003 में ऐसी ही कमेटी बनायी गयी.
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) के तहत बननी वाली सड़कों की गुणवत्ता की जांच के लिए दो बार कमेटी बनी. पहली बार वर्ष 2002 में और दूसरी बार वर्ष 2016 में.
सदन को सुचारू रूप से चलाने और सदस्यों के आचरण-संसदीय मर्यादा के अनुरूप कार्य-व्यवहार को लेकर तीन बार कमेटी बनी. लेकिन नियमावली के अलावा कोई नियम-परिनियम नहीं बन सका.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें