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पुलिस हिरासत में नाबालिग की मौत का मामला: शव के साथ सात घंटे तक किया रोड जाम

आक्रोश. पुलिस हिरासत में नाबालिग की मौत का मामला, परिजनों ने मुआवजा लेने से किया इनकार रांची/बुंडू : पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद नाबालिग रूपेश के शव के साथ बुंडू एसडीपीओ के कार्यालय के समीप एनएच 33 को ग्रामीणों ने जाम कर दिया. जाम कर रहे लोगों को समझाने के लिए ग्रामीण एसपी […]

आक्रोश. पुलिस हिरासत में नाबालिग की मौत का मामला, परिजनों ने मुआवजा लेने से किया इनकार
रांची/बुंडू : पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद नाबालिग रूपेश के शव के साथ बुंडू एसडीपीओ के कार्यालय के समीप एनएच 33 को ग्रामीणों ने जाम कर दिया. जाम कर रहे लोगों को समझाने के लिए ग्रामीण एसपी राजकुमार लकड़ा ने काफी प्रयास किया.
जाम स्थल पर रूपेश की दादी भी थी. वह पुलिसवालों से कह रही थी, मुझे मुआवजा में रुपये नहीं चाहिए. अगर आप लोग मुझे रुपये देकर समझाने आये हैं, तब मैं नहीं मानने वाली हूं.
आप लोग चले जाइए. रुपये से मेरा पोता जीवित नहीं होगा. आप लोगों ने पहले मेरे बेटे को मार दिया. अब आपका यहां कोई काम नहीं. मृत नाबालिग रूपेश की दादी के आक्रोश को देखते हुए ग्रामीण एसपी राज कुमार लकड़ा ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थी. इस पर ग्रामीण एसपी ने रूपेश की दादी के पैर पकड़ लिये, तब रूपेश की दादी ने ग्रामीण एसपी का हाथ पकड़ उठने के लिए कहा. इसके बावजूद अाक्रोशित ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे.
आक्रोशित ग्रामीणों को समझाने के लिए विधायक विकास मुंडा ने प्रयास किया, उन्होंने परिजनाें से शव का दाह संस्कार करने का अनुरोध किया. प्रदर्शनकारियों ने उनकी भी नहीं सुनी और विधायक के विरुद्ध नारेबाजी की.
इसके बाद विधायक वहां से चले गये. ग्रामीण इसी मांग पर अड़े थे कि बुंडू एसडीपीओ पवन कुमार, उनके दोनाें बॉडीगार्ड और राहे एवं दशम फॉल के थाना के निलंबित थाना प्रभारी को जाम स्थल पर हथकड़ी पहना कर लाया जाये. वहां से सभी को पैदल बुंडू थाना ले जाकर हाजत में बंद कर दिया जाये. पुलिस ऐसा करने से इनकार कर रही थी. इस वजह से ग्रामीण पुलिस की बात मानने को तैयार नहीं थे. बीच-बीच में जाम कर रहे लोग हंगामा भी करते रहे. इस दौरान पुलिस ने धैर्य का परिचय दिया.
पुलिस ने बलपूर्वक हटाया रूपेश का शव, तब जाम समाप्त हुआ :पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिये जाने के बावजूद रूपेश की मौत से आक्रोशित ग्रामीण किसी बात को मानने को तैयार नहीं थे. तब पुलिस ने बलपूर्वक शव के आसपास से ग्रामीण को पीछे हटाया. शाम के करीब पांच बजे पुलिस ने शव को गाड़ी में लाद कर सुरक्षा के बीच मृतक के पैतृक गांव सताकी, राहे भेजा दिया.
सात किलोमीटर तक लगा रहा जाम, लोग हुए परेशान
पुलिस हिरासत में नाबालिग रूपेश की मौत से आक्रोशित लोगों ने सुबह 10 बजे से बुंडू एसडीपीओ आवास के समीप एनएच-33 जाम कर दिया था. जाम शाम के करीब पांच बजे समाप्त हुआ. इस दौरान बुंडू एसडीपीओ के आवास से लेकर रांची की ओर करीब सात किलोमीटर तक जाम लगा रहा.
गाड़ियां कतार में खड़ी रहीं. वहीं, दूसरी ओर बुंडू एसडीपीओ के आवास से जमशेदपुर मार्ग की ओर गाड़ियों की कतार लग गयी. घटना से अाक्रोशित लोग किसी वाहन चालक को आने- जाने नहीं दे रहे थे, जिस कारण रांची से जमशेदुपर और जमशेदपुर से रांची आने-जाने वाले लोगों को परेशानी हुई. लोगों ने सड़क के किनारे बैठक कर अपना दिन गुजारा.

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