अब इन्हें नोटिस देने की बात हो रही है. गौरतलब है कि यह स्कूल अंचलाधिकारी (सीअो) कार्यालय से बिल्कुल सटा हुआ है, फिर भी यहां अतिक्रमण हो गया. इन दुकानों व मकानों से निकलने वाला कूड़ा-कचरा भी स्कूल के कैंपस में फेंका जाता है. यहां तक कि कुछ लोगों ने नाली की निकासी भी स्कूल कैंपस में कर दी है. कैंपस में टूटे ठेले भी रखे हुए हैं.
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सरकारी स्कूल की जमीन पर 41 दुकानें
रांची :राज्य के सरकारी स्कूलों की हालत बयां करता है यह स्कूल. राजकीयकृत आदर्श मध्य विद्यालय, चौपारण की करीब 60 फीसदी जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया है. यहां मुरगा व पान से लेकर विभिन्न चीजों की दुकान है. चंद रोज पहले सीअो ने मापी कर पाया कि स्कूल की जमीन पर 41 दुकानें व […]
रांची :राज्य के सरकारी स्कूलों की हालत बयां करता है यह स्कूल. राजकीयकृत आदर्श मध्य विद्यालय, चौपारण की करीब 60 फीसदी जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया है. यहां मुरगा व पान से लेकर विभिन्न चीजों की दुकान है. चंद रोज पहले सीअो ने मापी कर पाया कि स्कूल की जमीन पर 41 दुकानें व कुछ मकान भी हैं.
स्कूल की दीवार पर बड़ी दरार है. खिड़की व दरवाजे टूटे हैं. क्लास रूम के अंदर पान की पीक तथा दारू-बीयर की बोतलें फेंकी जाती है. कुल मिला कर इसी माहौल में इस अादर्श मध्य विद्यालय के बच्चे पढ़ रहे हैं. यही नहीं इसी स्कूल के कैंपस में एक मॉडल स्कूल भी संचालित है. दोनों स्कूलों के बीच दीवार बना दी गयी है. स्थानीय बुद्धिजीवियों ने इस स्कूल को बचाने तथा यहां के माहौल को सुधारने का बहुत प्रयास किया. उपायुक्त, अंचलाधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी को समस्या से अवगत कराया गया, पर सफलता नहीं मिली. अब मुख्यमंत्री सचिवालय तथा मुख्यमंत्री के अोएसडी को भी स्कूल से संबंधित ज्ञापन दिया गया है.
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