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अभाव: मध्य विद्यालय से लेकर प्लस-टू हाइस्कूल में प्रधानाध्यापक नहीं, 16,395 स्कूल और हेडमास्टर 303

रांची:राज्य के 16,395 मध्य विद्यालय, उच्च विद्यालय व प्लस-टू उच्च विद्यालयों में से मात्र 303 में ही प्रधानाध्यापक हैं. राज्य के 95 प्रतिशत से अधिक स्कूल प्रधानाध्यापक विहीन हैं. इसका असर विद्यालय के पठन-पाठन पर पड़ रहा है. आलम यह है कि राज्य के दस हजार अपग्रेड मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद तक सृजित […]

रांची:राज्य के 16,395 मध्य विद्यालय, उच्च विद्यालय व प्लस-टू उच्च विद्यालयों में से मात्र 303 में ही प्रधानाध्यापक हैं. राज्य के 95 प्रतिशत से अधिक स्कूल प्रधानाध्यापक विहीन हैं. इसका असर विद्यालय के पठन-पाठन पर पड़ रहा है. आलम यह है कि राज्य के दस हजार अपग्रेड मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद तक सृजित नहीं किया गया है. राज्य गठन के बाद से अब तक मात्र एक बार राजकीयकृत उच्च विद्यालय में प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति हुई है.

राज्य में राजकीय, राजकीयकृत, प्रोजेक्ट व अपग्रेड हाइस्कूल हैं. सभी कोटि के हाइस्कूल को मिला कर राज्य में कुल 2165 हाइस्कूल हैं, जिसमें से 1300 हाइस्कूल को मध्य विद्यालय से उच्च विद्यालय में अपग्रेड किया गया है. इनमें से एक भी अपग्रेड हाइस्कूल में प्रधानाध्यापक नहीं है. प्रोजेक्ट हाइस्कूल में स्थापना के बाद से आज तक प्रधानाध्यापक की नियुक्ति नहीं हुई है. सरकार द्वारा सभी कोटि के उच्च विद्यालय में प्रधानाध्यापक व शिक्षक की नियुक्ति के लिए एक नियमावली बनायी गयी है.

सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है, जबकि प्रधानाध्यापक की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी है. राज्य में 230 प्लस-टू उच्च विद्यालय हैं. 59 प्लस- टू उच्च विद्यालय एकीकृत बिहार के समय के हैं, जबकि 171 प्लस टू उच्च विद्यालय राज्य गठन के बाद हाइस्कूल से प्लस-टू उच्च विद्यालय में अपग्रेड किये गये हैं. इनमें से एक भी प्लस-टू हाइस्कूल में प्राचार्य नहीं है. सभी प्लस-टू विद्यालय हाइस्कूल के प्रधानाध्यापक की देखरेख में चल रहे हैं. प्लस-टू उच्च विद्यालय में प्राचार्य व शिक्षकों की नियुक्ति के लिए वर्ष 2012 में नियमावली बनायी गयी थी. विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति, तो की गयी पर प्राचार्य की नियुक्ति प्रक्रिया आज तक शुरू नहीं हुई.

मध्य विद्यालय में पद सृजित नहीं
राज्य में वर्तमान में 14000 मध्य विद्यालय हैं, इनमें से दस हजार स्कूलों को सर्वशिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक से मध्य विद्यालय में अपग्रेड किया गया है. अपग्रेड मध्य विद्यालय में आज तक प्रधानाध्यापक का पद सृजित नहीं किया गया है. अपग्रेड मध्य विद्यालय प्रभारी प्रधानाध्यापक के भरोसे चल रहा है. इसके अलावा चार हजार राजकीय मध्य विद्यालय है. इन विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद स्वीकृत है. चार हजार मध्य विद्यालय में से मात्र 230 विद्यालय में स्थायी प्रधानाध्यापक है. राज्य के कई जिलों के मध्य विद्यालय में एक भी स्थायी प्रधानाध्यापक नहीं है.

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